भोपाल। यह ना तो मध्यप्रदेश की पहचान है और ना ही परंपरा लेकिन पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश की राजनीति धीरे-धीरे हिंसा की बढ़ती जा रही है। राजधानी भोपाल में आज भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बीच जबरदस्त मारपीट हो गई। मामले को शांत कराने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। मामला नगरीय निकाय चुनाव में विकास कार्यों का श्रेय लूटने का है।
घटना भोपाल नगर निगम के वार्ड नंबर 5 स्थित शिवाजी नगर में नवनिर्मित पंडित शीतल प्रसाद तिवारी लाइब्रेरी के उदघाटन कार्यक्रम के दौरान हुई। शिवराज सिंह चौहान सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह लाइब्रेरी का उद्घाटन करने आए थे। कांग्रेस नेताओं की एक टोली वहां पहुंच गई और हंगामा करने लगी। शुरुआत नारेबाजी से हुई उसके बाद नेताओं के बीच बहस होने लगी और थोड़ी ही देर बाद दोनों पार्टी के नेताओं के बीच मारपीट शुरू हो गई। इस हंगामे के बीच मंत्री भूपेंद्र सिंह ने लाइब्रेरी का उद्घाटन कर दिया। पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए लाठीचार्ज किया।
उद्घाटन पट्टिका पर उमाशंकर गुप्ता का नाम क्यों लिखा है: कांग्रेस पार्टी
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि लाइब्रेरी हमारी सरकार के कार्यकाल में बनी। भाजपा श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। पुस्तकालय में उद्धाटन पटिट्का पर स्थानीय पार्षद का नाम तक नहीं है, जबकि भाजपा नेता उमाशंकर गुप्ता किसी पद पर नहीं हैं। फिर भी उनका नाम लिखा है। शर्मा ने नगर निगम कमिश्नर पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। शर्मा बोले- अब हम ऐसा नहीं चलने देंगे। शर्मा ने पुलिस पर लाठी चार्ज करने का भी आरोप लगाया।
लाइब्रेरी के लिए पैसा मैं लेकर आया था, लेकिन मेरा कहीं नाम ही नहीं है: पार्षद गुड्डू चौहान
पूर्व पार्षद गुड्डू चौहान का कहना है कि उन्होंने लाइब्रेरी के लिए 72 लाख रुपए स्वीकृत कराए। उनके ही प्रयास से पुस्तकालय बना है। भाजपा मेरा नाम न देकर राजनीति कर रही है।
भाजपा का बोली- कांग्रेस का योगदान नहीं
पूर्व नगर निगम अध्यक्ष राम दयाल प्रजापति ने कहा कि लाइब्रेरी पूर्व महापौर आलोक शर्मा के प्रयासों और भाजपा की सरकार की पहल से बनी है। मेरे कार्यालय की निधि भी लाइब्रेरी निर्माण में लगी है। इसमें पार्षद गुड्डू चौहान का योगदान नहीं है।
80 लाख रुपए में रिनोवेशन
पांच नगर बस स्टाॅप शिवाजी नगर में पंडित शीतल प्रसाद तिवारी वाचनालय है। इसकी बिल्डिंग छोटी थी। अब इस पर 80 लाख रुपए खर्च कर बड़ी बिल्डिंग का निर्माण करवा कर लाइब्रेरी बनाई गई है। यहां पांच हजार से ज्यादा किताबें हैं।