भोपाल। शैतान बच्चों से परेशान एक महिला शिक्षक ने मां बनने का अर्थात गर्भधारण करने से इंकार कर दिया। उसका कहना है कि मैं कोई संतानोत्पत्ति नहीं करूंगी। बच्चे काफी परेशान करते हैं। दरअसल, कोरोनावायरस के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान बच्चों ने ऑनलाइन क्लास में महिला शिक्षक को इतना परेशान किया कि वह बच्चों से नफरत करने लगी और उसने फ्रस्ट्रेशन में आकर अपनी लाइफ में कोई भी बच्चा पैदा करने से इंकार कर दिया।
कोर्ट की काउंसलिंग के बाद भी महिला शिक्षक बच्चा पैदा करने को तैयार नहीं
यह मामला भोपाल के कुटुंब न्यायालय में विचाराधीन है। महिला शिक्षक के पति की ओर से आवेदन दाखिल किया गया है। कुटुंब न्यायालय में शिक्षिका की कई बार काउंसिलिंग की जा चुकी है, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है। कुटुंब न्यायालय के काउंसलर के मुताबिक महिला भोपाल के बड़े निजी स्कूल में प्राथमिक कक्षाओं की शिक्षिका है। उसका कहना है कि बच्चे बहुत शैतान होते हैं। उसे अपनी जिंदगी में कोई बच्चा नहीं चाहिए।
आवेदन दाखिल करने वाले पति ने बताया कि उनकी शादी को पांच साल हो चुके हैं। शादी के तत्काल बाद पत्नी ने करियर बनाने के लिए समय मांगा, अब दिया यह अजीब तर्क शिक्षिका के पति का कहना है कि पत्नी दो-तीन साल तक अपने करियर पर फोकस कर रही थी, उसने मां बनने के लिए समय मांगा। अब वह कह रही है कि बच्चों को पढ़ाने से इस कदर परेशान हो चुकी हूं कि मां नहीं बनना चाहती। मैं परिवार के ताने नहीं सह सकता।
बच्चों से चिढ़ होने लगी है, उनकी शैतानी बर्दाश्त नहीं कर सकती: महिला शिक्षक
वहीं, महिला शिक्षक का कहना है कि कई सालों से प्राइमरी कक्षा के बच्चों को पढ़ा रही हूं। स्कूल में भी बच्चों के शोर से परेशानी होती थी, लेकिन ऑनलाइन कक्षा से बच्चों से चिढ़ होने लगी है। स्कूल के बाद घर में भी बच्चों की शैतानी को बर्दाश्त नहीं कर सकती।
सब लोग पति को समझा रहे हैं
दंपती के बीच प्यार बरकरार है, लेकिन ऑनलाइन कक्षा में बच्चों को नहीं संभाल पाने से पत्नी मानसिक तनाव से गुजर रही है। पति को समझाया जा रहा है कि वह धैर्य रखे।शैल अवस्थी, काउंसलर, कुटुंब न्यायालय, भोपाल
लॉकडाउन के बाद कई लोगों के मन में बदलाव आने लगा है। इस मामले में बच्चों के प्रति महिला के मन में नकारात्मकता आने लगी है। महिला की काउंसिलिंग के साथ उसे कुछ समय देना चाहिए। डॉ. राहुल शर्मा, मनोविज्ञानी