कर्मचारियों का डीए डीफ्रीज होना चाहिए, महंगाई बेलगाम हो गई है - EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। पेट्रोल डीजल के दाम आग झरती तेजी के कारण बे-लगाम होकर शतकीय पारी की ओर अग्रसर है। जागरूक अधिकारी कर्मचारी संयुक्त कल्याण समिति मप्र के प्रदेश अध्यक्ष उदित सिंह भदौरिया संयोजक प्रमोद तिवारी एवं महामंत्री कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि पेट्रोल डीजल व अन्य अत्यावश्यक वस्तुओं की बे-लगाम महंगाई के कारण जीवन दूभर हो गया है। कोविड-19 के चलते फ्रीज़ किया गया डीए डीआर व सातवें वेतनमान के आधार पर देय एरियर को "डीफ्रीज" करना चाहिए। 

तर्क है कि कोविड-19 के काले बादल छंट रहे है, जन-जीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। सरकारी खजाने में जीएसटी से बम्पर आवक हो रही है। सितम्बर 2020 में जीएसटी कर संग्रहण 95480 करोड़ से बढ़कर दिसंबर 2020 में 1,15,000 करोड़ की रिकार्ड वृद्धि के साथ खजाना लबालब है। कर्मचारी एक इमानदार करदाता होता है; क्योकि बाजार से खरीदी पर जीएसटी दो से लेकर अट्ठाइस व वेतन भत्तों पर टीडीएस पांच से तीस फीसदी तक  देता है। कर्मचारी जगत की आय सरकारी दस्तावेजों में दर्ज रहने से पाई-पाई की आय सार्वजनिक रहती है, इस पर तयशुदा टीडीएस चुकता किया जाता है। 

नवीन व्यवस्था के अनुसार पुनरीक्षित मूल्यसूचकांक आधार वर्ष 2016 के अनुसार जनवरी 2021 से अट्ठाइस फीसदी डीए डीआर मिलना चाहिए जो केंद्र में सत्रह व राज्य में बारह फीसदी पर फ्रीज किया हुआ है। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों एवं पेंशनरों को सातवें वेतनमान के आधार पर देय एरियर को दो किश्तों में वर्ष 2018 में ही भुगतान कर दिया था। प्रदेश सरकार द्वरा तीन किश्तों में भुगतान होना था अंतिम किश्त का पच्चीस फीसदी ही भुगतान किया गया है। 

आश्चर्य है नवीन शिक्षक संवर्ग को सातवां वेतनमान ही जनवरी 2016 के बजाय तीस माह विलंब से जुलाई 2018 से स्वीकृत किया है व देय एरियर को पांच किश्तों में भुगतान का निर्णय लिया है जो अन्याय है। प्रदेश सरकार को इसपर गंभीर चिंतन करना चाहिए व कर्मचारियों के देय समस्त स्वत्वों का भुगतान समय पर हो इसकी आने वाले 02 मार्च 2021 को बजट में प्रावधान होना चाहिए।

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