नई दिल्ली। भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने सातवें वेतनमान की सिफारिशों को लागू करते हुए केंद्रीय कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनके परिवार को मिलने वाली फैमिली पेंशन की लिमिट बढ़ा दी है। छठवें वेतनमान के अनुसार यह लिमिट ₹75000 थी लेकिन अब ₹125000 हो गई है।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि इस निर्णय से सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने के बाद उसके परिवार के सदस्यों को जीवन-यापन में आसानी होगी। उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। बता दें वर्तमान नियमों में किसी सरकारी कर्मचारी की सेवा या रिटायरमेंट के बाद मौत होने पर उसके जीवनसाथी को पेंशन मिलती है। जबकि दोनों के मरने पर बच्चे को दो परिवार पेंशन मिलती है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि परिवार पेंशन राशि में दो श्रेणियां थी। एक में अधिकतम वेतन सीमा 50 फीसद और दूसरी 30 प्रतिशत वाली थी। छठे वेतन आयोग ने पहले 90 हजार रुपए अधिकतम वेतन सीमा मानी थी। उन्होंने आगे बताया कि इस हिसाब से 50 फीसद पेंशन वाली श्रेणी में 45 हजार और 30 वाली में 27 हजार रुपए प्रति माह मिलते थे।
अब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के हिसाब से अधिकतम सैलरी सीमा 2.5 लाख रुपए प्रति महीने कर दिया गया है। ऐसे में सेंट्रल सिविल सर्विसेज पेंशन नियम 1972 के रूल 54 में उपनियम 11 के तहत संशोधित किया गया है। अब 2.5 लाख रुपए का 50% यानी 1.25 लाख और 2.5 लाख का 30 फीसद यानी 75 हजार रुपए कर दी गई है।