रायपुर। राजनीतिक दबाव और सिफारिश से मुक्त निष्पक्ष भर्ती परीक्षा आयोजित करवाने के लिए गठित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की 2018 मुख्य परीक्षा में घोटाले का खुलासा हुआ है। एक उम्मीदवार ने जब RTI के माध्यम से आंसर शीट प्राप्त की तो पता चला कि उसकी आंसर शीट में से चार पेज गायब है। छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन की तरफ से अभ्यर्थी को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई थी। बल्कि उसका नाम चयन सूची में नहीं था। अपनी नौकरी प्राप्त करने के लिए पीड़ित उम्मीदवार में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। कोर्ट ने नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
CGPSC SCAM प्रारंभिक परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी
दरअसल बिलासपुर के पीएससी उम्मीदवार नारायण दत्त तिवारी ने अपने वकील के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बताया कि 2018 में राज्य लोक सेवा आयोग ने विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। इसमें नारायण दत्त तिवारी ने भी आवेदन दिया था। उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा दी थी और मुख्य परीक्षा के लिए उनका चयन हो गया था।
RTI से हुआ CGPSC घोटाले का खुलासा
मुख्य परीक्षा का पेपर काफी अच्छा लिखने के बावजूद जब चयन सूची जारी हुई तो नारायण दत्त तिवारी का नाम गायब था। उन्हें किसी गड़बड़ी की आशंका हुई। अभ्यर्थी ने अपनी आंसर शीट की कॉपी पाने के लिए आरटीआई की मदद ली। तब उन्हें पता चला कि आंसर शीट के चार पन्ने गायब हैं। यह भी पता चला कि इसमें उन्हें 30 अंक भी मिले हुए हैं।
हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी किया
चूंकि आंसर शीट से पन्ने गायब हैं, इसलिए उनके नंबर की गणना नहीं की गई। इस कारण उनका चयन नहीं हो सका। इसे लेकर परीक्षार्थी नारायण दत्त तिवारी ने बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। जस्टिस गौतम भादुड़ी की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने आंसर शीट से पन्ने गायब होने के मामले को गंभीर बताया और छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन से एक सप्ताह के भीतर इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
सवाल तो सरकार के सामने भी है
इस मामले में सवाल तो सरकार के सामने भी है। और यह सवाल हाई कोर्ट में दाखिल याचिका से ज्यादा बड़ा है। सवाल यह है कि क्या यह केवल एक ही मामला है या फिर ऐसा कई उम्मीदवारों के साथ हुआ है। जिन उम्मीदवारों ने आरटीआई के तहत अपनी आंसर शीट प्राप्त नहीं की है, क्या विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि उनकी आंसर शीट के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई। हर उम्मीदवार आरटीआई लगाए इससे बेहतर होगा कि जनता के प्रतिनिधि के तौर पर सरकार पूरे मामले की जांच कराए। ताकि लोक सेवा आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े ना हो।