इंदौर। भारत की नई शिक्षा नीति के माध्यम से भारतीय शिक्षा पद्धति में कई क्रांतिकारी बदलाव किए जा रहे हैं। भारत की किसी भी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स एक साथ 2 डिग्री के लिए एडमिशन ले सकते हैं और परीक्षा दे सकते हैं। एक शिक्षा सत्र में 2 डिग्री की परीक्षा इससे पहले तक अवैध मानी जाती थी। यदि कोई छात्र चोरी छुपे ऐसा करता था तो उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज करके उसे जेल भेज दिया जाता था।
UGC ने भारत के सभी शिक्षाविदों से प्रारूप बनाने के लिए कहा
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। प्रारूप बनाने के लिए देशभर के शिक्षाविद्, कुलपति और प्रोफेसरों से सुझाव मांगे गए हैं। इसकी बदौलत शैक्षणिक गतिविधियों के लिए भारतीय व विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के बीच अनुबंध किया जाएगा ताकि विद्यार्थी ज्वाइंट व ड्यूल डिग्री प्राप्त कर सकेंगे। सुझाव पांच मार्च तक बुलवाए हैं।
भारत की सभी यूनिवर्सिटी का सिलेबस एक जैसा होगा
भारत की नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया है। रोजगार की दृष्टि से पाठ्यक्रम बनाए जा रहे हैं। यहां तक सिलेबस को एक समान रखने की रूपरेखा बन चुकी है। साथ ही नीति में भारतीय और विदेशी शैक्षणिक संस्थानों व विश्वविद्यालयों के बीच अनुबंध हो। इसके लिए किया जाएगा। ताकि विद्यार्थी विदेशों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम को पढ़ाने का मौका मिल सके। इसके अलावा विद्यार्थियों को एक ही समय पर दो डिग्री दी जा सके।
कॉलेज स्टूडेंट्स एक साथ 2 डिग्री (ज्वाइंट और ड्यूल डिग्री) प्राप्त कर सकते हैं
अधिकारियों के मुताबिक बजट 2021 में सरकार ने ज्वाइंट और ड्यूल डिग्री का रास्ता खोल दिया है। इसके बाद यूजीसी शैक्षणिक गतिविधियों के लिए भारतीय-विदेशी संस्थानों के बीच अनुबंध को लेकर एक प्रारूप बना रहा है। पांच मार्च से सुझाव बुलवाए हैं। इसके बाद प्रारूप बनाया जाएगा, जिसमें दोनों संस्थानों को ध्यान में रखकर नियम बनेंगे। प्रारूप को केंद्र सरकार के समक्ष रखेंगे ताकि इसे जल्द से जल्द मंजूरी मिल सके। सुझाव बुलवाने के लिए यूजीसी ने अलग से ई-मेल दर्शाया है।