नई दिल्ली। कोरोनावायरस खत्म नहीं हुआ है लेकिन फिर भी प्रशासन लापरवाह हो गया है और इसके कारण जनता बेलगाम हो गई है। महाराष्ट्र के पुणे में प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक बार फिर कोरोनावायरस से संक्रमित होने वाले नागरिकों की संख्या बढ़ने लगी है। नतीजा, फिर से स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं एवं रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है।
सिर्फ पुणे ही नहीं पूरे महाराष्ट्र में महामारी फैल रही है
प्रतिबंधात्मक आदेश केवल पुणे के लिए जारी हुए हैं लेकिन सरकारी रिपोर्ट और डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार के साथ सीनियर अफसरों की मीटिंग के बाद सूत्रों का कहना है कि पूरे महाराष्ट्र में महामारी तेजी से फैल रही है। लगातार दूसरे दिन रविवार को महाराष्ट्र में पॉजिटिव मामलों की संख्या 6000 से अधिक रही। इसी के चलते महाराष्ट्र राज्य में कई तरह के प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई जा रही है।
महामारी के लिए प्रशासन क्यों है जिम्मेदार
आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं केंद्र सरकार द्वारा भारत के सभी जिलों के कलेक्टर एवं डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को वह सभी अधिकार दिए हैं, जो उनके क्षेत्राधिकार में महामारी को रोकने के लिए आवश्यक हो सकते हैं। केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार अपने क्षेत्र में नागरिकों से सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क का पालन करवाना एवं सार्वजनिक स्थानों का सैनिटेशन कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। अधिनियम के अनुसार कोई भी अफसर जनता को लापरवाह बताकर अपनी जिम्मेदारी से दूर नहीं हो सकता।