इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में UG और PG कोर्स की पहले की तरह सामान्य पद्धति से परीक्षा करवाने को उच्च शिक्षा विभाग ने मंजूरी दे दी है। ऑफलाइन परीक्षा में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना होगा। परीक्षा केंद्रों पर विद्यार्थियों की संख्या कम रखना है।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) नए कॉलेजों को केंद्र बनाने में लगा है। विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए विश्वविद्यालय को 30 नए कॉलेज में परीक्षा करवाना होगी। फरवरी के दूसरे सप्ताह से विश्वविद्यालय की टीम कॉलेज का निरीक्षण करेंगी। उसके आधार कॉलेजों को केंद्र के लिए चिन्हित किया जाएगा।
बीए, बीकॉम और बीएससी की वार्षिक परीक्षा व एमए, एमकॉम और एमएससी की दूसरे व चौथे सेमेस्टर की परीक्षा भले ही अप्रैल से जून के बीच होना है, लेकिन विश्वविद्यालय अभी से परीक्षा केंद्रों को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। कारण यह है कि 110 परीक्षाओं में करीब ढाई लाख विद्यार्थी है। इनके लिए पहले 80-90 केंद्र बनाए जाते थे। मगर कोरोना के बाद होने वाली यह पहली परीक्षा रहेगी।
गाइडलाइन के मुताबिक केंद्रों पर विद्यार्थियों की संख्या कम रखना है। यहां तक परीक्षा हॉल में भी विद्यार्थियों के बीच दो से चार फीट की दूरी जरूरी है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय को ढाई लाख विद्यार्थियों के लिए 90 केंद्र कम पड़ सकते हैं। इसके चलते ही नए कॉलेजों को केंद्र बनाने की कवायद चल रही है।
विभाग ने भी परीक्षाओं के लिए केंद्र बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अब विश्वविद्यालय द्वारा निजी और अनुदान प्राप्त कॉलेजों को भी केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन कॉलेजों की व्यवस्था देखेगा। इसके बाद ही कॉलेजों को केंद्र के लिए चिन्हित करेगा। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी मुताबिक कॉलेजों में सीसीटीवी, बड़े परीक्षा हॉल, शिक्षकों की पर्याप्त संख्या देखेंगे।
इंदौर के अलावा खंडवा, खरगोन, बुराहनपुर, झाबुआ, आलीराजपुर, धार में केंद्र बढ़ाए जाएंगे। यहां कॉलेजों की व्यवस्था के लिए भी अलग से टीम बनाएंगे, जो कॉलेजों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देगी। फिलहाल यह काम फरवरी से शुरू किया जाएगा।