इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट ने सेल्फ फाइनेंस डिपार्टमेंट में मनमानी कर डाली। अब इसकी शिकायत लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा से की गई है। कुल 250 कर्मचारियों में से 130 कर्मचारियों को अपने स्तर पर नियमित कर दिया गया और जब शेष 120 कर्मचारियों ने शिकवे शिकायत शुरू किया तो उनका वेतन 85% बढ़ा दिया गया ताकि वह चुप रहे।
DAVV मैनेजमेंट ने 150 कर्मचारियों को नियमित कर दिया
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सेल्फ फाइनेंस विभाग में काम करने वाले कर्मचारी दो गुट में बंटे हैं। इनके बीच विवाद कुछ साल पहले शुरू हुआ था, जब उच्च शिक्षा विभाग ने सेल्फ फाइनेंस विभाग के लगभग 250 गैरशिक्षण पदों को मंजूरी दी। इस पर विश्वविद्यालय ने पदों के लिए कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया और लगभग 150 कर्मचारियों को 'नियमित" कर दिया, जो मानदंडों के अनुसार पात्र थे।
DAVV जिन कर्मचारियों ने शिकायत की उनका वेतन डबल कर दिया
जिन लोगों को नियमितीकरण का लाभ नहीं मिला, उन्होंने कुछ सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। फिर दूसरे गुट के सदस्यों का 85 प्रतिशत वेतन बढ़ाया। इसे लेकर अन्य गुट ने आपत्ति ली। मामले में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष अजय चौरड़िया ने विवि पर नियम विरूद्ध प्रक्रिया करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसे लेकर लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में शिकायत कर दी।