भोपाल। मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी और गृह मंत्रालय के बीच तनातनी शुरू हो गई है। गृह मंत्रालय का कहना है कि डीजीपी विवेक जौहरी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों का ट्रांसफर कर रहे हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का मानना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरपरस्ती के कारण विवेक जौहरी अपने दायरे से बाहर जाकर आदेश जारी कर रहे हैं। मामला सीएम शिवराज सिंह चौहान की चौखट पर पहुंच गया है।
डीजीपी को आईपीएस अफसरों का तबादला करने का अधिकार नहीं: गृह मंत्रालय
अपर मुख्य सचिव गृह ने डीजीपी विवेक को पत्र लिख कहा है कि उन्हें आईपीएस अफसरों के तबादले करने का अधिकार नहीं है। डीजीपी सरकार को प्रस्ताव भेज सकते हैं, जिस पर सरकार निर्णय लेकर आदेश जारी करेगी। वह अपने स्तर पर सीधे तबादला आदेश जारी नहीं कर सकते। उल्लेखनीय है कि डीजीपी विवेक जौहरी ने बीते साल 27 अक्टूबर को आईजी पुलिस मुख्यायल रहे फरीद शापु का तबादला आईजी एंटी नक्सल पीएचक्यू कर दिया था और गृह विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी।
मध्य प्रदेश गृह मंत्रालय डीजीपी द्वारा किए गए दो ट्रांसफर रद्द किए
आदेश की कॉपी मिलने पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इसे गलत ठहराते हुए तत्काल प्रभाव से पीएचक्यू के आदेश को निरस्त कर नए सिरे से इस आदेश को गृह विभाग से जारी किया। इसके बाद गृह विभाग के हाथ एक और आईपीएस का तबादला आदेश हाथ लगा। इसमें एआईजी पीएचक्यू तरण नायक का तबादला कमांडेंट 7वीं बटालियन एसएएफ किया गया था। इस आदेश को भी सरकार ने निरस्त किया।
डीजीपी और गृह मंत्रालय के बीच का विवाद सीएम चौहान की चौखट पर
मामला यही नहीं थमा। गृह विभाग को 1 फरवरी 2021 को पता चला कि 9 अक्टूबर 2020 को आईपीएस विवेक शर्मा को एडमिन पीएचक्यू के पद पर पदस्थ किया गया। इस आदेश को भी सरकार ने निरस्त कर नए सिरे से गृह विभाग की ओर से आदेश जारी किया। अब पूरा मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक जा पहुंचा है।
DGP विवेक जौहरी, कमलनाथ और शिवराज सिंह के खास माने जाते हैं
वर्तमान डीजीपी विवेक जौहरी जौहरी 30 सितंबर 2020 में रिटायर होने वाले थे। तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने उन्हें 2 साल का एक्सटेंशन दिया था। इसी बीच कमलनाथ सरकार गिर गई और शिवराज सरकार सत्ता में आई। डीजीपी विवेक जौहरी मुख्यमंत्री शिवराज के भी करीबी माने जाते हैं। यही वजह रही कि मुख्यमंत्री ने पदभार संभालते ही गोपाल रेड्डी को मुख्य सचिव के पद से तो हटा दिया, लेकिन डीजीपी पद पर जौहरी को बरकरार रखा।
मध्य प्रदेश की IAS लॉबी में डीजीपी विवेक जौहरी से नाराज
आरोप लग रहे हैं कि मुख्यमंत्री से नजदीकी होने के चलते डीजीपी विवेक जौहरी अपने अधिकारों के बाहर जाकर आईपीएस अफसरों का तबादला आदेश जारी कर रहे हैं। इसे लेकर आईएएस अफसरों में खासी नाराजगी है। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने भी इस मामले में पूरी तरह से मोर्चा खोल रखा है। उनका कहना है कि सरकार के बिजनेस रूल्स में जिसे जो अधिकार मिले हैं उसी दायरे में अफसर को काम करना चाहिए।