चुनाव जीतने के लिए नेता कुछ भी करते हैं। मतदाताओं को धमकाया जाता है। अपने प्रतिस्पर्धी प्रत्याशी पर नाम वापसी के लिए दबाव बनाया जाता है। सभी प्रकार के हथकंडे अपनाए जाते हैं। जाति और धर्म के नाम पर वोट मांगना आम बात हो गई है। कई बार तो प्रत्याशी खुद को किसी भगवान या देवता का अवतार बता देता है। दरअसल वह ऐसा इसलिए कर पाते हैं क्योंकि आम जनता को यह नहीं पता होता कि ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग के अलावा पुलिस थाने में मामला भी दर्ज करवाया जा सकता है। आइए हम बताते हैं:-
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 171(ग) की परिभाषा:-
अगर कोई व्यक्ति निम्न कृत्य करके मत प्राप्त करता है:-
1. चुनाव में मतदाताओं को डरा-धमकाकर वोट प्राप्त करना।
2. अभ्यर्थी का नाम धमकी द्वारा चुनाव प्रक्रिया से हटवाना।
3. चुनाव के समय अचानक अनुचित प्रभाव डालना।
4. चुनाव जीतने के लिए अपने आप को भगवान का अवतार या किसी विषय धर्म का अनुयायी बताना।
उपर्युक्त कृत्य करने वाला व्यक्ति धारा 171 ग के अपराध का दोषी होगा।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 171 ग अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट को होता है। सजा- इस अपराध के लिए एक वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दाण्डित किया जा सकता है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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