ग्वालियर। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 105 वर्षों से संचालित हो रहा ग्वालियर का ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेला 15 फरवरी 2021 से प्रारंभ होगा। मेले में खरीदे गए वाहनों के पंजीयन पर छूट मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान रविवार को ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण द्वारा आयोजित मेला प्रांगण में कला रंगमंच में उदघोषणा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
ग्वालियर मेला ग्राउंड में साल भर व्यापारिक गतिविधियां होती रहेंगी: सीएम शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्वालियर का व्यापार मेला सन् 1905 से अद्भुत पहचान लिए हुए है। इस मेले की शुरूआत कैलाशवासी माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी। मेले की पहचान को आगे भी बनाये रखने के लिये सभी के सहयोग से विचार-विमर्श कर आयोजन को भव्यता प्रदान की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के साथ आत्म-निर्भर ग्वालियर के रोडमैप पर कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में उद्योग एवं व्यापार को लगातार बढ़ाने के लिये मेला प्रांगण का उपयोग किया जा सके, इसकी योजना बनाने के लिये जिला प्रशासन को निर्देश दिये हैं।
साल में 8 महीने तक ग्वालियर व्यापार मेला लगाया जा सकता है: केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर
केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि समाज में मेलों की कल्पना एवं विस्तार की जब बात होती है, तब सबसे पहले ग्वालियर के प्राचीन एवं ऐतिहासिक मेले का नाम लिया जाता है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर का ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेला अपने नियत समय पर आयोजित होता था, लेकिन विश्व-व्यापी महामारी कोविड-19 के कारण इस वर्ष मेले के आयोजन में विलंब हुआ है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर मेले के लगने का वर्ष भर बेसर्बी से लोग इंतजार करते हैं। मेले के आयोजन से जहाँ लोगों का धंधा, व्यवसाय बढ़ता है, वहीं जरूरतमंदों को वर्ष भर के लिये रोजगार भी प्राप्त होता है। श्री तोमर ने कहा कि ग्वालियर व्यापार मेले के पास पर्याप्त अधोसंरचना होने से मेले का विस्तार कर वर्ष के 8 माहों तक मेले का आयोजन किया जा सकता है।
मेरे पिताजी ने ग्वालियर व्यापार मेले को पहचान दिलाई: ज्योतिरादित्य सिंधिया
राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह ग्वालियर के लिये नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिये ऐतिहासिक क्षण है कि 100 वर्षों से अधिक समय से लग रहे इस ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेले की शुरूआत सिंधिया परिवार के पूर्वजों द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि यह मेला एक पशु मेले के रूप में शुरू किया गया था, जिसका धीरे-धीरे विस्तार कर उनके पूज्य पिताजी स्व. माधवराव सिंधिया ने व्यापार मेले के रूप में पहचान दिलाई। मेले की पूरे देश में एक अपनी छवि एवं पहचान रही है।
ग्वालियर मेले में आरटीओ रजिस्ट्रेशन छूट से व्यापार 8 गुना बढ़ गया
श्री सिंधिया ने कहा कि मेले में वाहन पंजीयन से पहले जहाँ 100 करोड़ का व्यापार होता था, वहीं अब वाहनों के पंजीयन में छूट से 800 करोड़ का व्यापार होगा, जिससे राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा।
राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में ग्वालियर का मेला एक क्रांतिकारी मेला रहा है। कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा और सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह, नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्री ओ.पी.एस. भदौरिया, लोक निर्माण राज्य मंत्री श्री सुरेश धाकड़ सहित अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।