इंदौर। शहर में डीआईजी के पद पर नए-नए पदस्थ हुए मनीष कपूरिया आईपीएस अपने साथ एसपी लिस्ट इंदौर आशुतोष बागड़ी को साथ लेकर इंदौर शहर का ट्रैफिक सिस्टम समझने के लिए निकले थे लेकिन खुद ही जाम में फंस गए। चौंकाने वाली बात यह है कि लंबा जाम लगे होने के बावजूद यातायात को व्यवस्थित करने के लिए पुलिस का कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था। अंत में डीआईजी का सिक्योरिटी गार्ड बाहर निकला और उसने डीआईजी की कार को ट्रैफिक जाम से बाहर निकाला।
बापट चौराहे से मारुति नगर के बीच ट्रैफिक जाम में फंसे डीआईजी और एसपी इंदौर
शनिवार 6 फरवरी 2021 की रात को डीआईजी मनीष कपूरिया और एसपी पूर्व आशुतोष बागड़ी को लेकर खुद शहर की व्यवस्था देखने निकले थे। वे कई चौराहों पर पुलिस टीम से मिले और दिशा-निर्देश दिए। साथ ही चैकिंग के दौरान मिली कमियों को दूर करने के लिए भी कहा। इस दौरान डीआईजी विजय नगर चौराहे से निकलकर परदेशीपुरा चौराहे की ओर जा रहे थे, तभी बापट चौराहे से मारुति नगर के बीच लंबा जाम लगा था। इस दौरान उनकी इनोवा कार एमपी 03-ए-2201 साथ पीछे चल रही एसपी बागड़ी की कार ट्रैफिक में फंस गई।
लंबा जाम लगा था और पुलिस डिपार्टमेंट का एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं था
काफी देर तक गाड़ी के चालक ने सायरन बजाकर गाड़ी निकालने का प्रयास किया, लेकिन जाम लंबा था। यही नहीं, ट्रैफिक व्यवस्था संभालने वाला कोई नहीं था, इसीलिए लोगों ने भी अपनी गाडिय़ां लगा दी थी। इसी दौरान डीआईजी का गनमैन कार से उतरा और काफी देर तक ट्रैफिक बहाल कराने में लगा रहा। डीआईजी ने हीरा नगर थाना प्रभारी को सेट पर निर्देश दिए कि शाम के वक्त जहां-जहां भी प्रमुख चौराहे हैं वहां पाइंट लगाए जाएं, ताकि यातायात व्यवस्था को सुधारने में मदद मिल सके।
इंदौर के 30 चौराहों पर दिन में कई बार जाम लगता है
डीआईजी को पहले ही दिन जाम ने परेशान कर दिया था, जबकि शहर की जनता दिन में कई बार जाम से जूझ रही है। स्थिति यह है कि 30 चौराहों पर दिन में कई बार जाम लगता है। इनमें 15 तो BRTS के हैं, जहां सिग्नल होने के बाद भी जाम से निजात नहीं मिल पा रही है। गिने-चुने चौराहों पर ही ट्रैफिक के जवान नजर आते हैं। उनमें भी ज्यादातर ट्रैफिक सुधारने में गंभीरता नहीं दिखाते हैं।