जबलपुर। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के नाम पर एक व्यापारी से ₹200000 की वसूली का मामला जबलपुर शहर की सुर्खियों में है। व्यापारी के बेटों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई हुई थी। इसी मामले को निपटाने के लिए ₹200000 की वसूली की गई।
पैसा गृहमंत्री तक पहुंचाया वसूलने वाला खा गया, पता नहीं
मामला सुर्खियों में है और बयान बाजी भी हो रही है परंतु प्रॉपर इन्वेस्टिगेशन नहीं हो रही है। क्योंकि हाई प्रोफाइल केस है और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री के नाम पर पैसा वसूला गया है इसलिए पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। शायद ऊपर से इशारे का इंतजार किया जा रहा है जो अब तक प्राप्त नहीं हुआ है।
तो क्या वसूली के लिए रासुका लगाई जाती है
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के समय यह कल्चर शुरू हुआ जो लगातार जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के नाम पर लगातार बयान देते रहते हैं। पूरे प्रदेश में दर्जनों व्यापारियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा चुकी है। यह तीसरा मामला है जिसमें रासुका हटवाने के नाम पर व्यापारी से पैसा वसूला गया। जबकि कई मामलों में हाईकोर्ट ने रासुका को रद्द कर दिया है। एक मामले में तो हाईकोर्ट ने कलेक्टर की समझ पर सवाल उठा दिया था। सवाल यह है कि क्या सरकार सचमुच जनता को मिलावटखोरों से बचाना चाहती है या फिर व्यापारियों से इसी प्रकार की वसूली के लिए रासुका की कार्रवाई की जा रही है।