जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में पति की मौत के बाद उनके नाम की जमीन के नामांतरण के लिए आवेदन करने वाली महिला को क्षेत्र का पटवारी महीनों तक भटकाता रहा। बरेला निवासी विधवा महिला राजस्व अधिकारियों के कार्यालय व पटवारी के चक्कर लगाकर सरकारी व्यवस्था से त्रस्त हो चुकी थी।
अंतत: एक परिचित द्वारा दी गई सलाह काम आई और महिला का नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया। यह सब संभव हो पाया केयर बाय कलेक्टर योजना से। दरअसल, महिला को उनके जान पहचान के व्यक्ति ने इस योजना के अंतर्गत सक्रिय मोबाइल नंबर की जानकारी दी थी। महिला ने अपनी व्यथा लिखकर मोबाइल नंबर पर भेज दिया।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया। जिसके बाद कई माह में न हो पाने वाला काम 24 घंटे के भीतर हो गया और महिला का नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया। दरअसल, कलेक्टर शर्मा के निर्देश पर यह योजना प्रारंभ की गई है। जिस पर भेजी जानी वाली शिकायतों पर तत्परता से कार्रवाई की जा रही है।
पटवारी से लिया जाए स्पष्टीकरण: बताया जाता है कि शारदा नगर रिछाई बरेला निवासी सावित्री विदेही के पति की मौत हो चुकी है। पति की मौत के बाद विदेही ने उनके नाम की अचल संपत्ती के फौती नामांतरण के लिए पटवारी को आवेदन दिया था। जिसके बाद पटवारी उन्हें भटकाने लगा तो उन्होंने तहसील कार्यालय गोरखपुर में आवेदन किया। उसके बाद भी नामांतरण प्रक्रिया नहीं हो पाई।
लोगों का कहना है कि केयर बाय कलेक्टर योजना का लाभ फरियादियों को मिल रहा है, परंतु महिला की तरह तमाम लोग राजस्व विभाग व पटवारियों के कामकाज से परेशान होते हैं। नामांतरण प्रक्रिया की जो प्रक्रिया 24 घंटे में पूरी हो सकती है उसके लिए सातित्री को कई माह तक क्यों भटकाया गया, इस संबंध में पटवारी व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण लिया जाना चाहिए।
सावित्री को बेवजह भटकाने के मामले में कलेक्टर शर्मा ने भी राजस्व अमले के कामकाज पर नाराजगी जाहिर की है। केयर बाय कलेक्टर पर पहुंची सावित्री की शिकायत को उन्होंने गंभीरता से लेकर अनुविभागीय राजस्व अधिकारी से नामांतरण प्रक्रिया में विलंब पर नाराजगी जताई। जिसके बाद तहसीलदार गोरखपुर न्यायालय द्वारा पी-2 खसरा में सावित्री विदेही का नाम दर्ज किया गया।