जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री योगेंद्र दुबे द्वारा बताया कि जिले में हुए आरटीई के अंतर्गत अशासकीय शालाओं को फीस पूर्ति में लाखों की अनियमितताओं की जांच में दोषियों को दोषी करार देने के एवज में जिले से लेकर भोपाल तक के अधिकारियों की गली की हड्डी बनी पंडित लज्जा शंकर झा उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जबलपुर की महिला प्राचार्य श्रीमती वीणा बाजपेयी को अधिकारियों ने मिलजुल कर निलंबित करा दिया।
महिला प्राचार्य पर आरोप लगाया गया कि उनके द्वारा संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जेडी व जिला शिक्षा अधिकारियों को सहयोग नहीं किया जा रहा है व फर्जी वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाकर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जबरिया महिला प्राचार्य को निलंबित करा दिया गया है। कर्मचारी संघ ने कहा कि सत्यता यह है कि शिक्षा विभाग में प्रभारी संयुक्त संचालक श्री राजेश तिवारी द्वारा पंडित लज्जा शंकर झा उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जबलपुर की महिला प्राचार्य श्रीमती मीणा बाजपेयी से जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) आरपी चतुर्वेदी की आरटीई शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अशासकीय शालाओं को दी जाने वाली 25% की राशि के नाम पर हुए फर्जी गोलमाल एवं अन्य बिंदुओं की लंबित शिकायतों की जांच रिपोर्ट को बदलने के लिए संयुक्त संचालक द्वारा महिला प्राचार्य को धमकाया जा रहा था तथा सी आर खराब करने के नाम से धमकाते हुए दबाव डाला कि कार्यालय में आकर उनके अनुसार चाही गई जांच रिपोर्ट में सुधार करवाना चाह रहे थे।
प्रकरण में जांच दल द्वारा अपना प्रतिवेदन पत्र क्रमांक/ जांच प्रतिवेदन/ समीक्षा/ 2020/ 190 जबलपुर दिनांक 14/ 12/ 2020 के साथ 270 पन्नों की जांच रिपोर्ट संयुक्त संचालक शिक्षा को भेजी गई जिसमें श्री आर पी चतुर्वेदी जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र जबलपुर के विरुद्ध लगाए गए 09 आरोपों में से 08 पूर्णता व 01 आंशिक प्रमाणित पाया गया है जिसमें अशासकीय विद्यालयों को जारी फीस पूर्ति में प्रथम दृष्टया कुल 67 10114 ( सड़सठ लाख दस हजार एक सौ चौदह) की अनियमितता प्रमाणित पाई गई है उक्त राशि जिले के मात्र 06 अशासकीय विद्यालयों को गलत तरीके से प्रदान की गई है जबकि शिकायतकर्ता द्वारा 7 स्कूलों की प्रतिपूर्ति की अनियमितता के साक्ष्य सहित शिकायत कर 646 अशासकीय स्कूलों की फीस प्रतिपूर्ति की आर्थिक अनियमितता होने की जांच की मांग की गई थी जबकि 02 आई.ए.एस. अधिकारियों द्वारा इसी प्रकरण में श्री चतुर्वेदी को दोषी बताया गया है।
संयुक्त संचालक शिक्षा श्री राजेश तिवारी द्वारा करोड़ों के गोलमाल को दबाने वह डी.पी.सी. को बचाने के लिए आला अधिकारियों से मिलकर प्राचार्य को निलंबित करा दिया गया। संघ के योगेंद्र दुबे, अरविंद्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पांडे, चंदू जाऊलकर, आलोक बाजपाई, मनोज खन्ना, राजेश चतुर्वेदी, गोविंद बिल्थरे, डीडी गुप्ता, रजनीश तिवारी, पवन श्रीवास्तव, विपिन शर्मा, संदीप मस्के, आरके गुलाटी, अरुण दुबे आदि ने माननीय मंत्री स्कूल शिक्षा से मांग की है कि भ्रष्टाचार में लिप्त दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करते हुए महिला प्राचार्य का गलत निलंबन निरस्त किया जाए अन्यथा संघ तीव्र आंदोलन हेतु बाध्य होगा।