जबलपुर। शहर की सबसे बड़ी खबर आ रही है। चौधरी मोहल्ले के लोगों ने एक महिला के घर में धावा बोल कर दो लोगों को दबोच लिया। इनमें से एक व्यक्ति चड्डी में था। पता चला है कि वह एक पुलिस अधिकारी है। सब इंस्पेक्टर के पद पर उसका 15 दिन पहले ही प्रमोशन हुआ है। उसकी वर्दी बाहर रखी एक कार में मिली है और उसकी पुलिस कैप उसी महिला के घर में मिली है जिस पर देह व्यापार का आरोप है। पुलिस ने महिला के घर पकड़े गए दो लोगों को ग्वारीघाट पुलिस थाने सौंप दिया है।
चौधरी मोहल्ले के लोगों ने महिला के घर रात के समय छापामार कार्रवाई की
जानकारी के अनुसार चौधरी मोहल्ले में एक महिला अपनी दो बेटियों के साथ रहती है। मोहल्ले वालों का आरोप है कि वहां आए दिन पुलिस और अन्य लोग आते हैं। वहां शराब पीकर हंगामा करते हैं। महिलाओं पर देह व्यापार में लिप्त होने का भी लोगों ने आरोप लगाया। कई दिनों से लोग इस घर की गतिविधियों से परेशान थे। रविवार रात को आखिरकार उनके सब्र का पैमाना टूट गया। मोहल्ले वालों ने मिलकर खुद इस घर पर धावा बोल दिया।
एसआई सहित दो को पकड़ा
मोहल्ले वालों ने एसआई गोविंद तिवारी और जीतू शर्मा नाम के दो लोगों को दबोच लिया। दोनों महिला के घर की छत से भागने की भी कोशिश की। पुलिस दोनों आरोपियों को थाने ले गई। एक स्थानीय महिला ने मामले में लिखित शिकायत भी दी है।
कार में रखी हुई थी एसआई की वर्दी
ग्वारीघाट थाने की पुलिस पहुंची तो वहां एक MP20 CB 4261 मिली। कार में SI गोविंद तिवारी की वर्दी मिली। कार के आगे पुलिस भी लिखा हुआ था। सब इंस्पेक्टर तिवारी की पुलिस कैप उस महिला के घर में मिली जिस पर मोहल्ले वालों ने देह व्यापार का आरोप लगाया है।
एएसपी साउथ गोपाल खांडेल के मुताबिक मौके पर कैंट सीएसपी भावना मरावी भी पहुंची थीं। इस मामले की जांच उनकी सौंपी गई है। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस देह व्यापार में लिप्त इस महिला के यहां एसआई गोविंद तिवारी सहित कई लोग भी आते रहते थे। प्रकरण पुलिस वाले जुड़े होने के चलते ग्वारीघाट की टीम ने पहले इसे दबाने की भी कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों के आक्रोश के चलते यह संभव नहीं हुआ। मामले की जानकारी अधिकारियों तक पहुंची।
15 दिन पहले ही एसआई गोविंद तिवारी को प्रमोशन मिला था
पुलिस सूत्रों की मानें तो एसआई गोविंद तिवारी को 15 दिन पहले ही प्रमोशन मिला है। गोविंद तिवारी के खिलाफ पूर्व में गढ़ा थाने में धोखाधड़ी का भी मामला दर्ज हुआ था। तब उन पर आरोप लगा था कि छोटी लाइन फाटक स्थित सुविधा अस्पताल के संचालक कुछ अधिवक्ताओं के साथ मिलकर गैंगरीन के मरीजों का हाथ-पांव काट कर उसे एक्सीडेंट का स्वरूप दिया जाता था। फिर इसके एवज में इंश्योरेंस का लाखों रुपए का क्लेम बनाया जाता था। न्यायालय ने इस मामले में उन्हें दोषमुक्त करार दिया है।