पिछले दिनों व्हाट्सएप के विकल्प के रूप में सिग्नल और टेलीग्राम को प्रमोट किया गया था। अब ट्विटर के विकल्प के रूप में Koo App को प्रमोट किया जा रहा है। यदि आप भी इस मोबाइल ऐप को डाउनलोड करना चाहते हैं तो डाउनलोडिंग से पहले आइए जानते हैं इस मोबाइल एप्लीकेशन में क्या खास बात है:-
- koo app के सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण कहते हैं कि इस मोबाइल ऐप के पीछे उनका मकसद भारतीय भाषाओं को मंच देना है। इसके साथ ही उन्होंने अपने मोबाइल एप की खास बातें बताई।
- आत्मनिर्भर एप इनोवेशन चैलेंज में ज़ोहो और चिनगारी के साथ ही कू भी विजेता रहा था।
- IIM से पढ़ें राधाकृष्ण के मुताबिक अब तक इस एप को 30 लाख डाउनलोड मिल चुके हैं।
- बॉम्बिेनेट टेकनोलॉजी ने इस एप को क्रिएट किया है।
- इस एप पर भारतीय भाषाओं में पोस्ट किए जा सकते हैं।
- यह एप एक समय में आप एक ही भाषा में इस्तेमाल कर सकते हैं।
- कू ने खुद को फ्री एक्सप्रेशन प्लेटफॉर्म कहता है और यह भी कि आखिर में वह देश के कानून के ही दायरे में है।
- इस माइक्रो ब्लॉगिंग साइट में अधिकतम 400 शब्दों में पोस्टिंग की जा सकती है।
KOO APP REVIEW
कुल मिलाकर फिलहाल तो इस मोबाइल एप्लीकेशन में कुछ खास बात नहीं है। केवल इतना है कि यह ट्विटर के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। दिनांक 13 फरवरी 2021 को गूगल प्ले स्टोर पर 10 लाख से अधिक डाउनलोड दिखाई दे रहे हैं। इस ऐप की खास बात है कि यह सभी भारतीय भाषाओं के लिए उपलब्ध है और दूसरी खास बात यह है कि यह अंग्रेजी भाषा के लिए उपलब्ध नहीं है।
KOO APP क्या ट्विटर को भारत से खदेड़ सकता है
KOO APP का मैनेजमेंट आम जनता के बीच खुद को किस तरह से प्रजेंट करता है यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल KOO APP की टीम लोगों में ट्विटर के प्रति नाराजगी का फायदा उठा रही है। पिछले साल नवंबर में टूटर ने खुद को स्वदेशी ट्विटर के तौर पर प्रेज़ेंट किया था। इस एप से भी कुछ बड़े नेता जुड़े लेकिन लंबे समय तक यहां रुके नहीं। इससे पहले 2019 में भारतीय ट्विटर एक्टिविस्टों के बीच एक और एप चर्चा में रहा था लेकिन यहां भी ज़्यादा देर तक लोग रुके नहीं और ट्विटर पर ही लौट गए।
Koo: Connect with Indians in Indian Languages DOWNLOAD करने के लिए यहां क्लिक करें