इंदौर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने नगरिया निकाय चुनाव के आयोजन में लापरवाही के मामले में सरकार को कहा है कि वह जल्दी चुनाव कराए। शासन ने हाई कोर्ट में अपना जवाब पेश करते हुए बताया कि हम चुनाव कराने के लिए तैयार हैं। 3 मार्च को वोटर लिस्ट जारी कर दी जाएगी।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में याचिका की सुनवाई जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ल की जॉइंट बेंच ने की। शासन ने कोर्ट में जवाब पेश करते हुए कहा कि वह चुनाव कराने के लिए तैयार हैं। 3 मार्च को वोटर लिस्ट जारी कर देंगे। सरकार की ओर से यह नहीं बताया गया कि मार्च के महीने में मतदान हो पाएगा या नहीं।
पहले कमलनाथ और अब शिवराज सिंह सरकार चुनाव टाल रही है
मध्य प्रदेश के नगर निगमों और परिषदों में एक साल से भी ज्यादा समय प्रशासकीय कार्यकाल चल रहा है। पहले कमलनाथ सरकार ने तारीख बढ़ाई। बाद में शिवराज सरकार भी इसे टालती रही। हाल ही में तीन महीने के लिए चुनाव आगे बढ़ाने का फैसला किया था। इसके बाद याचिका दायर की गई तो हाईकोर्ट ने जल्द चुनाव कराने के आदेश दिए। पूर्व पार्षद भारत पारख द्वारा दायर जनहित याचिका में राज्य शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को पक्षकार बनाया गया था।
चुनाव आयुक्त ने बोर्ड परीक्षाओं के बाद चुनाव की बात कही थी
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त बीपी सिंह ने 24 फरवरी 2021 को अपने बयान में कहा था कि चुनाव कार्यक्रम बोर्ड परीक्षाओं और 30 त्योहारों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। इस बयान के आधार पर माना गया था कि मार्च के महीने में नगरीय निकाय चुनाव नहीं होंगे बल्कि बोर्ड परीक्षाएं खत्म होने के बाद आयोजित किए जाएंगे।