जबलपुर। नगर निगम चुनाव से पहले विकास कार्यों का श्रेय लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बीच संघर्ष शुरू हो गया है। एक स्वास्थ्य केंद्र के प्रस्तावित उन्नयन का भूमि पूजन करने के लिए कांग्रेस विधायक सोहन वाल्मीकि स्वर घोषित कार्यक्रम के तहत पहुंच गए। पुलिस ने उन्हें दरवाजे पर ना केवल रोका बल्कि धक्का भी दिया। बाद में विधायक ने स्वास्थ्य केंद्र के द्वार का पूजन किया और वापस लौट गए।
बिना शासकीय कार्यक्रम के भूमि पूजन करने आ गए थे कांग्रेस विधायक: एसडीएम
परासिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 30 बिस्तर से उन्नयन कर 100 बिस्तर वाला बनाना है। कांग्रेस विधायक का कहना है कि भूमिपूजन उनका प्रोटोकॉल है। कमलनाथ सरकार के समय स्वास्थ्य केंद्र के उन्नयन की घाेषणा हुई थी। भाजपा झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। वहीं, एसडीएम मनोज कुमार प्रजापति का कहना था कि विभागीय कार्यक्रम नहीं था और न ही शासन से कोई दिशा निर्देश थे, इसलिए रोका गया गया।
कांग्रेस विधायक को रोकने पुलिस समेत प्रशासन की पूरी फौज तैयार थी
कांग्रेस विधायक ने रविवार दोपहर एक बजे भूमिपूजन की घोषणा की थी। इसको रोकने के लिए सुबह से ही प्रशासन ने तैयारी की थी। स्वास्थ्य केंद्र के प्रवेश द्वार के बाहर ही बैरिकेड्स खड़े कर दिए। एसडीएम मनोज कुमार प्रजापति, एसडीओपी अनिल शुक्ला, तसीलदार कमलेश राम नीरज ,नायब तहसीलदार प्ररजित बंसोड़ आसपास के थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए।
कांग्रेस विधायक पुलिस के साथ धक्का-मुक्की के बाद दरवाजे का पूजन करके लौट गए
दोपहर 2 बजे विधायक सोहन वाल्मीकि के साथ कांग्रेसियों ने भूमिपूजन को लेकर अंदर जाने के लिए प्रयास किया। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने रोक लिया। गेट पर ही पुलिसवालों के साथ धक्कामुक्की हुई। वाद-विवाद के बाद प्रशासन के साथ सहमति बनी। गेट पर अपने समर्थकों के साथ विधायक भूमिपूजन कर लौट गए।
1 दिन पहले भाजपा के नेता भी द्वार पूजन कर गए थे
वहीं, विधायक की घोषणा के बाद भाजपा नेताओं ने एक दिन पहले ही भूमिपूजन कर दिया था। हालांकि उन्हें भी अंदर भूमिपूजन नहीं करने दिया गया था। भाजपा नेताओं ने कहा कि पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने यह घोषणा की थी। विधायक झूठा श्रेय ले रहे हैं।