भोपाल। मध्य प्रदेश में चल रही सहकारिता विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। मध्य प्रदेश के 52 में से 50 जिलों में कर्मचारी हड़ताल पर हैं। काम पूरी तरह से ठप हो गया है। ग्राम पंचायत सचिवों के अलावा पटवारियों ने भी सहकारी समितियों का काम करने से इनकार कर दिया है। सरकार की तरफ से हड़ताली कर्मचारियों पर भारी दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
एक मंत्री बातचीत कर रहा है दूसरा धमकी दे रहा है, विभाग मामले को टालने की कोशिश में
शिवराज सिंह सरकार की तरफ से हड़ताल को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही है। कृषि मंत्री ने सहकारी समितियों के सभी कर्मचारियों को बर्खास्त करने की धमकी दी थी, गृह मंत्रालय की तरफ से एस्मा लागू करके हड़ताल को अवैध घोषित करने की तैयारी की जा रही है जबकि सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद भदौरिया मामले को बातचीत से सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। हड़ताली कर्मचारी, मध्य प्रदेश शासन के अन्य कर्मचारियों की तरह वेतन भत्ते और सुविधा की मांग कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश में सहकारी समितियों के कर्मचारी हड़ताल पर डटे
सूत्रों के मुताबिक, हड़ताल कर रहे मध्य प्रदेश सहकारिता कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों के साथ सहकारिता मंत्री ने अधिकारियों की मौजूदगी में रविवार को चर्चा की। संगठन के अध्यक्ष बीएस चौहान ने बताया कि संगठन अपनी मांग पर कायम है। विभाग की ओर से हड़ताली कर्मचारियों को बताया गया है कि एक उच्च स्तरीय समिति वेतन पुनरीक्षण के लिए गठित की जाएगी। यह दो माह में शासन को अपनी अनुशंसा देगी, जिसके आधार पर आगे कदम उठाए जाएंगे। इसमें वित्त के साथ-साथ खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। संघ के अध्यक्ष ने बताया कि हमने कोई सहमति दर्ज नहीं की है। संगठन की कोर कमेटी के साथ सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
18 फरवरी को भोपाल में सहकारिता कर्मचारियों का बड़ा प्रदर्शन
सीहोर और गुना को छोड़कर सभी जिलों में कर्मचारी हड़ताल पर हैं। 18 फरवरी को भोपाल में बड़ा प्रदर्शन करेंगे। उधर, सहकारिता विभाग ने सहकारी समितियों द्वारा संचालित उचित मूल्य की राशन दुकानों से खाद्यान्न वितरण पर पड़ रहे प्रभाव को देखते हुए गृह विभाग को अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लगाने का प्रस्ताव दिया है।
सहकारी समितियों के 14000 से ज्यादा कर्मचारियों को बर्खास्तगी के नोटिस
सहकारिता आयुक्त नरेश पाल ने बताया कि काम पर नहीं लौटने वाले 14 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को बर्खास्तगी के नोटिस जिला स्तर से दिए गए हैं। सोमवार तक यदि कर्मचारी काम पर नहीं लौटते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पंचायत सचिव संघ के बाद मध्य प्रदेश पटवारी संघ ने भी राशन दुकान के संचालन का काम करने से इन्कार कर दिया है। संघ के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह बाघेल का कहना है कि अभी गेहूं के रकबे (क्षेत्र) का सत्यापन करना है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि का काम भी हो रहा है। ऐसे में दूसरा नया काम करना संभव नहीं है।