सीधी। जिले के अतिथि शिक्षको के द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय, कलेक्टर सीधी, जिला शिक्षा अधिकारी सीधी से लेकर संबंधित अधिकारियों से अतिथि शिक्षकों का पिछले सत्र 2019-20 के ऑफलाइन व प्राचार्यो के लापरवाही से पोर्टल से हटाये गए अतिथि शिक्षकों के मानदेय देने की मांग पिछले एक साल से की जा रही है, लेकिन जिले सैकड़ो अतिथि शिक्षक का मानदेय अभी तक नही दिया गया।
जिला के अतिथि शिक्षक मानदेय भुगतान के लिए आमरण अनशन जैसे आत्मघाती कदम भी उठा चुके है। अतिथि शिक्षको का आरोप है की अब बजट आने के बाद भी मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा। कोरोना जैसी महामारी के चलते अतिथि शिक्षकों को एक सत्र से वेतन न मिलने से उनकी स्थिति खराब हो। खाने – पीने तक के लाले पड़े है। जिला शिक्षा अधिकारी सीधी से लेकर संबंधित अधिकारियों द्वारा उनका मानदेय नहीं दिया है केवल अतिथि शिक्षिकों का शोषण किया जा रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश को कोई नहीं मान रहा
अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान हेतु जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा पिछले एक से डेढ़ महीने के अंदर दर्जनों आदेश जारी किए गए लेकिन बीईओ व संकुल प्राचार्य उसका पालन करना जरूरी नहीं समझते। यहां तक कि आदेशों को फाइलों में दबा कर रखते हैं संबंधित व्यक्ति तक वो आदेश नही पहुंचते। जिले मे बीईओ व संकुल प्राचार्यो इस तरह मनमाना मे उतारू है की वो अब जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश या लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश का पालन भी करना जरूरी नही समझाते।
प्रमुख सचिव से मुलाक़ात कर बताई समस्या
जिलाध्यक्ष रविकान्त गुप्ता द्वारा प्रमुख सचिव रश्मि अरुण से मुलाक़ात कर अतिथि शिक्षको के समस्या से अवगत काराया है जिस पर उन्होने जिला शिक्षा अधिकारी सीधी से लेकर संबंधित अधिकारियों बीईओ व संकुल प्राचार्य पर कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिया है।
यदि भुगतान नही हुआ तो फिर से होगा आमरण अनशन
जिलाध्यक्ष रविकान्त गुप्ता द्वारा जानकारी देते हुये बताया गया है की यदि ऑफलाइन व प्राचार्यो के लापरवाही से पोर्टल से हटाये गए अतिथि शिक्षको के मानदेय का भुगतान 24 फरवरी तक नही होता तो फिर संबन्धित अतिथि शिक्षको के द्वारा 25 फरवरी से आमरण अनशन किया जाएगा जिसमे मैं मुद्दा जिला शिक्षा अधिकारी सीधी को प्रभार से मुक्त कराना व संबन्धित बीईओ व संकुल प्राचार्य पर कार्यवाही करते हुये अतिथि शिक्षको का मानदेय भुगतान करवाना होगा।