मध्यप्रदेश विधानसभा श्रद्धांजलि विवाद के बाद स्थगित - Madhya pradesh news

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्यप्रदेश की विधानसभा में बजट सत्र के दौरान दूसरे दिन भी कोई काम नहीं हुआ। श्रद्धांजलि को लेकर कमलनाथ, सज्जन सिंह वर्मा और विजयलक्ष्मी साधो ने विवाद शुरू किया और हंगामा होने से पहले ही विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को बुधवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। 

विजयलक्ष्मी साधो और सज्जन वर्मा ने श्रद्धांजलि पर विवाद शुरू किया

मध्य प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन सबसे पहले, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मोतीलाल वोरा को श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े हुए। तभी पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने कह दिया जब उत्तराखंड में बाढ़ में मृत लोगों को श्रद्धांजलि दी जा रही है तो दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान 200 किसानों की मौत हुई, उनको भी श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए लेकिन विधानसभा की कार्यसूची में इसका कोई उल्लेख नहीं है। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं। यदि आंदोलन के दौरान किसान की मौत होती है और उसे श्रद्धांजलि नहीं दी जाती है तो यह अन्नदाता का अपमान है।

नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने भी श्रद्धांजलि विवाद को बढ़ाया

इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने दिल्ली आंदोलन में मृत किसानों के साथ-साथ मुरैना में जहरीली शराब से मरने वालों को भी श्रद्धांजलि दी। कमलनाथ ने कहा कि यह पक्ष और विपक्ष का सवाल नहीं है। क्या यह उचित है कि मृत किसानों को श्रद्धांजलि सदन में ना दी जाए? सीधी बस हादसे में मृतकों के परिवार को सरकार रोजगार उपलब्ध कराए। बसों में गरीब लोग ही सफर करते हैं। मरने वालों के परिजनों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। उनकी मदद करनी चाहिए।

दिवंगत नेताओं को दी श्रद्धांजलि
विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा, पूर्व राज्यसभा सदस्य कैलाश सारंग, विधानसभा के पूर्व सदस्य लोकेंद्र सिंह, गोवर्धन उपाध्याय, श्याम होलानी, बद्रीनारायण अग्रवाल, कैलाश नारायण शर्मा, विनोद कुमार डागा, कल्याण सिंह ठाकुर समेत 26 पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और विधानसभा के पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। 

विधान सभा का संचालन नए अध्यक्ष के लिए चुनौती 

श्री गिरीश गौतम ने विधानसभा अध्यक्ष के पद पर काम करना शुरू कर दिया है परंतु उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है विधानसभा के सत्र का संचालन करना। लोकतंत्र में सदन का अच्छा चेयरमैन वह होता है जो हर हाल में सदन को संचालित करने की अंतिम कोशिश करें। मध्यप्रदेश में इतिहास बनता जा रहा है कि विधानसभा का सत्र समय से पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाता है। देखते हैं श्री गिरीश गौतम अपनी भूमिका किस प्रकार निभा पाते हैं।

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