चित्रकूट के लिए मध्यप्रदेश विधानसभा में बड़ी बहस, मंत्री खुद जांच करने जाएंगे - Madhya pradesh news

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह सरकार के गठन के बाद पहली बार विधानसभा में मध्यप्रदेश की समस्याओं के लिए बातचीत शुरू हुई है। सदन में आज चित्रकूट को धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने और मंदाकिनी नदी को प्रदूषित पानी से बचाने के लिए बड़ी बहस हुई। अंत में पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने घोषणा की कि वह खुद मामले की जांच करने जाएंगे।

विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने मुद्दा उठाया, पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने जवाब दिया

मुद्दा चित्रकूट के कांग्रेस विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया था।उन्होंने आरोप लगाया, जिस चित्रकूट में भगवान श्रीराम का बाल्यकाल बीता। वे 14 बरस के वनवास के दौरान यहां रहे, वहां विकास करने के बजाय भाजपा श्रीराम के नाम पर चंदा वसूली कर रही है। जवाब पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने दिया। उन्होंने चतुर्वेदी पर पलटवार करते हुए कहा, श्रीराम के नाम पर करंट क्यों आ जाता है? उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार विकास में भेदभाव नहीं करती। यदि मंदाकिनी नदी में गंदा पानी मिल रहा है, तो जांच कर ली जाएगी।

पर्यावरण मंत्री के पहले जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ विपक्ष

कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि मंदाकिनी ही नहीं, अन्य नदियों में प्रदूषित पानी मिल रहा है। जबलपुर से विधायक तरुण भनोट ने कहा, नर्मदा नदी के तट का निरीक्षण करें, पता चल जाएगा कि किस तरह आस्था की प्रतीक नर्मदा नदी को दूषित किया जा रहा है। सरकार करोड़ों रुपए कहां खर्च हो गए?

सरकार की जिम्मेदारी है कि विपक्ष के सुझाव को स्वीकार करे: कमलनाथ 

इस मुद़्दे पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि चित्रकूट जैसे पर्यटन एवं धार्मिक स्थल प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश में पहचान है। इसका ऐतिहासिक महत्व है। कांग्रेस की सरकार आने के बाद मैं इस क्षेत्र का विकास करना चाहता था, लेकिन नहीं कर पाया। अब शिवराज सरकार की जिम्मेदारी है कि विपक्ष के सुझाव को स्वीकार करे।

पर्यावरण मंत्री ने कहा - मैं खुद जांच करने जाऊंगा

कांग्रेस विधायक भनोट ने सुझाव दिया कि प्रदेश की नदियों में प्रदूषित पानी मिलने की जांच करने के लिए सदन में कमेटी बनना चाहिए। विधायकों की कमेटी जांच रिपोर्ट सदन में रखेगी। इसके बाद सरकार एक्शन प्लान बना कर नदियों को बचाए, लेकिन अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। इस पर पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि मैं खुद जांच करने जाऊंगा।

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