भोपाल। मध्य प्रदेश शासन के वित्त विभाग में नीतिगत निर्णय के लिए वह प्रस्ताव भेज दिया है जिसमें एमपी गवर्नमेंट के 450000 से ज्यादा कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का बकाया एरियर का 75% भाग 31 मार्च 2021 से पहले भुगतान करने की सिफारिश की गई है।
वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के सामान्य भविष्य निधि खातों में राशि जमा कराई जाएगी, जबकि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 50 फीसद राशि नकद और शेष राशि सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा कराई जाएगी। प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़े असर को देखते हुए सातवें वेतनमान के एरियर्स की अंतिम किस्त का भुगतान स्थगित कर दिया था।
कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का भुगतान मई 2020 में किया जाना था। मुख्यमंत्री ने एरियर्स की 25 फीसद राशि का भुगतान पिछले साल करा दिया था। बाकी राशि को लेकर नीतिगत निर्णय लिया जाना शेष है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एरियर्स का भुगतान तीन किस्तों में होना था। पहली दो किस्तें दी जा चुकी हैं। अब अंतिम किस्त के बकाया 75 फीसद का भुगतान करना है। बताया जा रहा है कि मार्च में भुगतान को लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। एरियर का भुगतान करने के लिए 11 सौ करोड़ रुपये लगेंगे।
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। वैट, पंजीयन एवं मुद्रांक, खनिज, आबकारी सहित अन्य माध्यमों से होने वाली आय बढ़ी है। जीएसटी का भुगतान भी प्राप्त हो रहा है। ऋण लेकर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है।
बजट में महंगाई भत्ते की होगी घोषणा
सूत्रों का कहना है कि बजट में सरकार कर्मचारियों को बकाया महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनर्स को महंगाई राहत (डीआर) देने की घोषणा कर सकती है। प्रदेश में अभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 12 प्रतिशत डीए-डीआर मिल रहा है।