कई बार ऐसा होता है जब मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारी बिना आवश्यक स्वीकृति अथवा सूचना दिए अपने कर्तव्य पर उपस्थित नहीं होते। इसके कारण शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न होती है और कई बार आम जनता को परेशान होना पड़ता है। आइए आज पता लगाते हैं कि क्या कोई शासकीय कर्मचारी बिना आवश्यक स्वीकृति अथवा पूर्व सूचना के अपने कर्तव्य से अनुपस्थित रह सकता है अथवा नहीं। यदि नहीं तो किस नियम के तहत उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।
मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम,1965 का नियम 7 की परिभाषा:-
अगर कोई शासकीय सेवक कोई निजी अवकाश या आकस्मिक अवकाश पर बिना स्वीकृति के जाता है, तब उपर्युक्त नियम 7 का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसी स्थिति में उल्लंघन करने वाले कर्मचारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है। उसकी वेतन वृद्धि रोकी जा सकती है। उसका प्रमोशन बाधित किया जा सकता है।
यदि कोई इमरजेंसी हो तब भी क्या अवकाश के लिए पूर्व सूचना देना अनिवार्य है
यदि शासकीय कर्मचारी के समक्ष कोई ऐसी आपातकालीन परिस्थिति बन जाती है जबकि वह मोबाइल फोन या इंटरनेट के माध्यम से भी अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित नहीं कर सकता तब उसे किसी भी प्रकार की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है परंतु कर्तव्य पर वापस उपस्थित होने के बाद उसे यह प्रमाणित कर रहा होगा कि परिस्थितियां आपातकालीन थी और उसके पास सूचना पहुंचाने का कोई माध्यम उपलब्ध नहीं था। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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