आज के लेख में हम आपको मध्यप्रदेश सिविल (आचरण) नियम,1965 की दो महत्वपूर्ण धाराओं के बारे मे जानकारी देंगे, बहुत से लोकसेवक ऐसे होते है उनको सिविल सेवा नियम की जानकारी नहीं होती है और वह जानकारी के अभाव में बहुत बड़ी गलती कर देते हैं। अक्सर देखा जाता है कि कुछ शासकीय सेवक अपने नाम या परिवार के किसी सदस्य के नाम से न्यूज एजेंसी ले लेते हैं और शासन की चलने वाली योजनाओं या कार्य की आलोचना करते हैं। ऐसा करने से वह ये नहीं जानते कि वह अपनी सेवा से भी जा सकते हैं।
मध्यप्रदेश सिविल(आचरण)नियम, 1965 की धारा 9 की परिभाषा:-
मध्यप्रदेश का कोई भी शासकीय सेवक शासन की पूर्व बिना मंजूरी के-
1. किसी भी समाचार पत्र, मीडिया, का न तो मालिक बनेगा न ही उसके द्वारा किसी न्यूज, लेख, कविता, कहानी आदि को संपादन (एडिटिंग) या तैयार करेगा।
2. कोई भी शासकीय सेवक बिना उच्च अधिकारी की मंजूरी के न तो मीडिया के किसी कार्यक्रम प्रसारण में भाग लेगा। न ही किसी समाचार पत्र को स्वंय के नाम से या गुमनाम से किसी भी प्रकार का लेख देगा।
मध्यप्रदेश सिविल सेवा(आचरण) नियम,1965 की धारा 10 की परिभाषा:-
कोई भी शासकीय सेवक किसी समाचार पत्र या किसी भी प्रकार की मीडिया में अपने नाम या गुमनाम या अन्य किसी भी व्यक्ति के नाम से ये तथ्यों एवं बातों को उजागर नहीं करेगा जिससे कि राज्य सरकार या केंद्र सरकार की नीतियों एवं कार्यो पर प्रतिकूल या आलोचना संबंधित प्रभाव पड़ता है।
(अगर कोई शासकीय सेवक उपर्युक्त कार्य करते हैं तो मध्यप्रदेश सिविल(आचरण) नियम,1965 की धारा 09,एवं 10 का उल्लंघन माना जाएगा।) :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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