भोपाल। महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति स्थापित करके उसे भगवान की तरह पूजने वाले हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया को ना केवल कांग्रेस में शामिल किया गया बल्कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने खुद उनका स्वागत किया। इसके खिलाफ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने मोर्चा खोल दिया तो कमलनाथ कैंप के कैप्टन सज्जन सिंह वर्मा ने उन पर जवाबी हमला कर डाला।
लोग गोडसे को छोड़कर गांधी से जुड़ रहे हैं, इसमें क्या बुराई है: सज्जन वर्मा
एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में सज्जन सिंह वर्मा ने कहा- 'जिन लोगों ने पार्टी में ये मुद्दा उठाया, उनके क्षेत्र के दो विधायक गोडसे विचारधारा वाली पार्टी में चले गए। हम तो उस विचारधारा से खींचकर लोगों को गांधी की विचारधारा से जोड़ रहे हैं। इसमें क्या बुराई है। इससे एक बार फिर ये बात साबित हुई कि इस देश में सिर्फ बापू की विचारधारा चलेगी।' अरुण यादव ने कहा था, 'मैं संघ विचारधारा के खिलाफ लड़ाई सड़कों पर लड़ता हूं।'
प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक ने सवाल को टालकर सहमति जताई
मप्र के प्रभारी कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक शुक्रवार रात इंदौर पहुंचे। एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा, 'संगठन मजबूत करेंगे, ये सतत चलने वाली प्रक्रिया है। हिंदू महासभा के बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी मिली है, सारे संदर्भ देखने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।' यहां से वासनिक रात में ही ओंकारेश्वर के लिए रवाना हो गए।
अरुण यादव और लक्ष्मण सिंह खुले मैदान में, दिग्विजय सिंह भी नाराज
ग्वालियर में हिंदू महासभा से जुड़े बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में आने के विरोध में शुक्रवार को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव द्वारा जारी किए गए पत्र से पार्टी के भीतर विवाद और गहरा गया है। यादव ने पत्र में कहा कि महात्मा गांधी और गांधी विचारधारा के हत्यारे के खिलाफ, मैं खामोश नहीं बैठ सकता। मैं आरएसएस विचारधारा को लेकर लाभ-हानि की चिंता किए बगैर जबानी जंग नहीं, सड़कों पर लड़ता हूं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने भी कहा है कि गोडसे के उपासकों की जगह कांग्रेस के बजाए सेंट्रल जेल में होना चाहिए। वहीं, दिग्विजय से जब चौरसिया को लेकर पूछा गया तो उन्होंने दो टूक कहा कि कौन है चौरसिया, मैं नहीं जानता।