भोपाल। हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को महंगे पड़ते नजर आ रहे हैं। मामला तूल पकड़ चुका है। कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्यादा क्षेत्रीय नेता कमलनाथ के खिलाफ बयान दे चुके हैं और दिग्विजय सिंह जैसे नेता भी 'कौन बाबूलाल' कहकर अपनी असहमति जता चुके हैं। इधर कांग्रेस पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश महासचिव मीडिया केके मिश्रा ने कमलनाथ के प्रति नाराजगी जाहिर करने वाले नेताओं को निष्कासन की धमकी दी है।
पार्टी प्रेसिडेंट के फैसलों पर सवाल खड़े करना अनुशासनहीनता: केके मिश्रा
कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज केके मिश्रा ने कहा है कि पार्टी प्रेसिडेंट को लेकर यदि कोई सवाल खड़े करता है तो वह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आएगा। ऐसे बयानों को PCC गंभीरता से लेगी। अनुशासनहीनता समिति इस मामले में कार्रवाई कर सकती है।
मध्यप्रदेश के कितने नेता कमलनाथ के फैसले का विरोध कर रहे हैं
बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस की सदस्यता दिलाए जाने को लेकर कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल, अरुण यादव, सुभाष सोजतिया, मीनाक्षी नटराजन समेत कई नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है।
बाबूलाल के साथ कमलनाथ को भी कांग्रेस पार्टी छोड़ देना चाहिए: मानक अग्रवाल
कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने एक बार फिर कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को साफ करना चाहिए कि उनकी विचारधारा गांधी की है या गोडसे की। मानक अग्रवाल ने कहा है कि बाबूलाल चौरसिया के साथ ही कमलनाथ को भी कांग्रेस पार्टी छोड़ देना चाहिए। गोडसे की विचारधारा का उनका विरोध जारी रहेगा
कमलनाथ चुप, अरुण यादव के बयानी हमले जारी
बाबूलाल के कांग्रेस में आते ही पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने तो महात्मा गांधी ‘बापू’ से क्षमा मांग ली। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘बापू हम शर्मिंदा हैं...’ कमाल की बात यह है कि उन्होंने सोशल मीडिया के इस संदेश पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को तो टैग किया, लेकिन कमलनाथ को टैग नहीं किया। बता दें कि इस मसले पर कमलनाथ की अभी कोई टिप्पणी नहीं आई है।
कमलनाथ को धोखे में रखा गया: मानक अग्रवाल
दूसरी ओर कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने कहा कि पीसीसी चीफ कमलनाथ को धोखे में रख बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई। इस बारे में पार्टी को सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए। गांधी के हत्यारे की पूजा करने वालों की पार्टी में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
गोडसे से गांधी की ओर, यह तो अच्छी बात है: विधायक प्रवीण पाठक
इधर, ग्वालियर से कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में वापसी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में एंट्री से परिवर्तन का दौर शुरू हो चुका है। गोडसे को पूजने वाले अब वास्तविकता को समझ चुके हैं। कांग्रेस पार्टी के विचारों से प्रभावित होकर गोडसे के विचार वाले लोग अब गांधी विचारधारा से जुड़ रहे हैं। अंधभक्तों की आंखें अब खुलने लगी हैं।
मैं तो पुराना गांधीवादी हूं: बाबूलाल चौरसिया
भोपाल में कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद ग्वालियर लौटे बाबूलाल चौरसिया ने कहा कि वह पहले भी कांग्रेस के थे। अपनी विचारधारा में वापस लौटे हैं। बाबूलाल ने कहा कि वह अपने घर में वापस लौटे हैं। टिकट का लालच नहीं है, यदि कांग्रेस उनका मौका देगी, तो वह पीछे नहीं हटेंगे।