भोपाल। किसी भी सरकार के लिए इससे ज्यादा शर्मसार करने वाली बात क्या होगी कि उसका एक नागरिक इतना ज्यादा गरीब है कि दो वक्त की रोटी के लिए किसी भी प्रकार का जुल्म सहन करने के लिए तैयार है। उसकी 17 साल की बेटी का बलात्कार हुआ है। पुलिस ने कानूनी कार्रवाई के नाम पर उसे 2 दिन तक अपने साथ रखा। इसके कारण गरीब पिता तड़पड़ा। उसने कहा कि मेरे 4 बच्चे भूखे हैं। काम पर जाऊंगा, तब उनके लिए कुछ कमा पाऊंगा। मुझे ऐसी कार्रवाई नहीं चाहिए। बचे हुए बच्चों की भूख मिटाने के लिए रोटी चाहिए।
रोजगार की तलाश में मध्य प्रदेश से हरियाणा गए थे, वहीं बलात्कार हो गया
हरियाणा पुलिस के अनुसार पानीपत में सिवाह पुलिस लाइन के सामने मेडिकल कालेज का निर्माण हो रहा है। यहां मध्यप्रदेश का परिवार मजदूरी करता था। 17 वर्षीय नाबालिग ने चांदनी बाग थाना पुलिस को बताया कि पानीपत में अक्टूबर महीने में आए थे। एक दिन शाम साढ़े छह बजे वह सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी। कार्यस्थल पर काम कर रहे श्रमिक ने उसे एक खाली कमरे में खींच लिया। वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। उसे धमकी भी दी। वह डर गई थी। किसी को कुछ नहीं बताया।
अस्पताल में जांच के बाद पुलिस बुला ली, 17 साल की लड़की का रेप हुआ है
कुछ दिन बाद स्वजन उसे अपने साथ नरेला में एक अन्य निर्माणाधीन इमारत में काम करने के लिए ले गए। मासिक धर्म नहीं आने पर उसने मां को आपबीती बताई। मां ने उसका नरेला के सत्यवादी राजा हरीशचंद्र अस्पताल में चेकअप कराया। वह तीन माह की गर्भवती निकली। नरेला पुलिस तक मामला पहुंचा। वहीं से पुलिस उसे व उसके पिता को लेकर पानीपत पहुंची।
पुलिस की प्रक्रिया से परेशान पिता ने कहा: कार्रवाई नहीं चाहिए, रोटी चाहिए
पीड़ित के पिता ने बताया कि मंगलवार को पानीपत पुलिस उसे और बेटी को अपने साथ ले आई। मंगलवार की रात सेक्टर 29 थाने में ही बिताई। बुधवार को आधे से ज्यादा दिन कोर्ट में बेटी के बयान कराने में बीत गया। बाप-बेटी को पुलिस ने बुधवार रात को मेडिकल कालेज में ही छोड़ दिया था। पीड़ित के पिता की चिंता ये है कि वहां हमें रोटी कौन देगा। चलो हम तो जैसे-तैसे समय काट लेंगे। नरेला में चार बेटियां और एक बेटा भूखा बैठा होगा। काम नहीं करेंगे तो उनके लिए रोटी का जुगाड़ नहीं हो पाएगा। गरीबी इतनी है, हम तो कार्रवाई भी नहीं चाहते। किशोरी ने बताया कि वह आठवीं तक पढ़ी है। निर्माणाधीन इमारत में एक मजदूर ने उसके साथ गलत काम किया। उसे पता नहीं कि वो कौन था। स्वजनों की डांट से बचने के लिए उसने कुछ नहीं बताया। फिर आरोपित ने उसे धमकी भी दी थी।