भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों से लिये जाने वाले संबद्धता, निरंतरता एवं स्थाई संबद्धता शुल्क में एकरूपता रहनी चाहिये। साथ ही विश्वविद्यालयों के परीक्षा समय में भी एकरूपता रहे, जिससे जुलाई-2021 से नये शैक्षणिक सत्र की शुरूआत हो सके। इसके लिये उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित किये जाने वाले कैलेण्डर का पालन सुनिश्चित होना चाहिये। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में आयोजित विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक में उक्त निर्देश उपस्थित अधिकारियों को दिये।
यूनिवर्सिटी पैसा कमाए, अपना खर्चा खुद चलाएं, आत्मनिर्भर बने: डॉ मोहन यादव
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय अपनी आय के स्रोत बढ़ायें, जिससे उन्हें आत्म-निर्भर बनने में मदद मिल सके। उन्होंने कहाकि सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के लिये राशि की व्यवस्था कर पेंशन का समय पर भुगतान किया जाये। विश्वविद्यालयों का निर्धारित अंशदान समय पर पेंशन फण्ड में जमा कराया जाये। विश्वविद्यालय यदि नये विषयों के पाठ्यक्रम प्रारंभ करना चाहते हैं, तो वे कर सकते हैं। साथ ही विश्वविद्यालय एवं उनके अंतर्गत संचालित महाविद्यालय स्थाई संबद्धता प्राप्त करने के लिये प्रयास करें।
उच्च शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के निर्देश
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्वविद्यालयों में लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का मानवीय संवेदनाओं के साथ समय-सीमा में निराकरण करें। उन्होंने कहा कि सी.एम. हेल्पलाइन के लंबित प्रकरणों, महालेखाकार की लंबित ऑडिट आपत्तियों, विद्यार्थियों की शिकायतों आदि का निराकरण तत्परता से करें।
दूरस्थ शिक्षा केन्द्र खोले जाने पर चर्चा
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय एक पिछड़े गाँव को गोद ले, जिससे उसका विकास हो सके। उन्होंने कहाकि विश्वविद्यालय उद्योग जगत से सम्पर्क कर विद्यार्थियों के प्लेसमेंट करने की कार्यवाही करें। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर पूरा ध्यान दें एवं शैक्षणिक संस्थानों को बेहतर बनाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा कृषि एवं मेडिकल के पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने के लिये प्रभावी प्रयास किये जायें। उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंतर्गत दूरस्थ शिक्षा केन्द्र खोले जाने पर भी चर्चा की।
बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन, अपर आयुक्त उच्च शिक्षा श्री चन्द्रशेखर वालिम्बे सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।