जबलपुर। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि नगर कोषालय को जिला कोषालय में संविलियन कर एक ही कोषालय किए जाने का शासन ने जो निर्णय लिया है संघ उसका विरोध करता है क्योंकि अगर यह होता है तो कर्मचारियों का भगवान ही मालिक है।
दो कोषालय होने के बाद भी आज तक कर्मचारियों का वेतन/ पेंशन एवं अन्य वित्तीय कार्य समय पर नहीं हो पाते हैं अगर एक कोषालय कार्यालय खत्म कर एक ही कर दिया जाएगा तो हजारों कर्मचारियों के वेतन एवं अन्य आर्थिक समस्याएं बढ़ जाएंगी एवं समय पर उन्हें आर्थिक मानदेय का भुगतान नहीं हो पाएगा। जिले में हाई कोर्ट समेत डीजे कोर्ट भी है इसके साथ ही अन्य विभागों में हज़ारों कर्मचारियों के वित्तीय कार्य दो कोषालय से संचालित होते हैं फिर भी काम के दबाव के चलते समस्या आती है एवं भुगतान में देरी भी हो जाती है कर्मचारियों के सामने आर्थिक कठिनाई पहले से ही अधिक है ऐसे में नगर कोषालय के बंद होने से कर्मचारियों को भारी आर्थिक एवं मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
संघ के योगेंद्र दुबे, अरवेंद्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेंद्र दुबे, रॉबर्ट मार्टिन, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पांडे, आशुतोष तिवारी, बृजेश मिश्रा, परशुराम तिवारी, मनोज सिंह, मुकेश मिश्रा, वीरेंद्र चंदेल, एसपी बाथरे, कीर्तिमान सिंह, तुशेन्द्र सिंह सेंगर, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, सुशील गर्ग, चूरामन गूजर, अनिल दुबे, पंकज जायसवाल, योगेश कपूर, सतीश देशमुख, रामकृष्ण तिवारी, सी एम शुक्ला,निशांकतिवारी, शैलेश दुबे, ऋतुराज गुप्ता, संदीप चौबे, सुधीर गौतम, अमित गौतम, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, मोहम्मद तारिक, धीरेंद्र सोनी आदि कर्मचारियों ने माननीय मुख्यमंत्री जी, वित्त मंत्री जी एवं आयुक्त कोष एवं लेखा को ईमेल कर मांग की है कि नगर कोषालय को जिला कोषालय में संविलियन ना किया जाए अगर संविलियन किया जाता है तो संघ धरना प्रदर्शन करने हेतु बाध्य होगा।