इंदौर। समग्र शिक्षक संघ के प्रांतीय आह्वान पर शिक्षकों ने अपनी 14 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर प्रदेश भर में सांकेतिक प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि अगर पदनाम‚ महंगाई भत्ता बहाल करने, समयमान वेतनमान, अर्जित अवकाश की पूर्व व्यवस्था बहाल नहीं की गई तो अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन के लिए विवश होंगे।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश दुबे ने बताया कि प्रदेशभर में एक साथ सभी जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन सौंपे गए। दुबे के अनुसार शिक्षक 35 से 40 साल से एक ही पद पर कार्य करते हुए सेवानिवृत्त हो रहे हैं लेकिन उन्हें आज तक पदोन्नति नहीं दी गई। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 23 दिसंबर 2017 को नसरुल्लागंज में आयोजित समग्र शिक्षक संघ के सम्मेलन में वरिष्ठ शिक्षकों को योग्यता अनुसार पदोन्नति का पदनाम देने की घोषणा की थी, मांग के गैर वित्तीय होने के बावजूद आला अफसरों की मनमानी के कारण 3 साल बाद भी घोषणा पर अमल नहीं हुआ, जिससे शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
शिक्षकों की अन्य लंबित मांगों में वेतनवृद्धि और महंगाई भत्ता बहाल करने, समयमान वेतनमान, अर्जित अवकाश की पूर्व व्यवस्था बहाल करने, सातवें वेतनमान के अनुसार बीमा कटौती एवम गृह भाड़ा भत्त्ता स्वीकृति के आदेश जारी करने, छत्तीसगढ़ के समान प्रदेश के शिक्षक/व्याख्याता संवर्ग को 8,16,24,32 वर्ष की सेवा पर चार स्तरीय वेतनमान वेतनमान स्वीकृत करने, पाँचवे वेतनमान में चली आ रही वेतन विसंगति दूर करने, सर्वशिक्षा अभियान की प्रतिनियुक्ति में नियम आयु बंधन समाप्त करने, स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने, गैर शैक्षणिक कार्यो से शिक्षकों को पूरी तरह मुक्त रखने जैसी मांगे शामिल है, संगठन के अनुसार यदि शासन 15 दिन में शिक्षकों की मांगों पर विचार नहीं करता है तो शिक्षक प्रांतव्यापी अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन के लिए विवश होगा ।
ज्ञापन का वाचन समग्र शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष संतोष जैन ने किया। इसके पूर्व शिक्षकों ने रैली निकाली। रैली में प्रमोद वैष्णव‚ संजय सक्सेना‚ अशोक थंदेले‚ बालकृष्ण टांक सहित सैकड़ों शिक्षको ने भाग लिया। आभार मनोज जोशी ने माना।