जबलपुर। आदिवासी विकास, विभाग सतपुड़ा भवन भोपाल में कार्यरत स्थायी कर्मी श्रीमती उषा बाई, मोहन लाल एवम रामावतार की नियुक्ति दिनाँक 16/10/1990, 3/05/1992 एवम 14/05/92 को क्रमशः दैनिक वेतन भोगी भृत्य के रूप में हुई थी। तत्पश्चात दिनाँक 02/01/2018 को स्थायी कर्मी बनाया गया था।
शासन की नीति दिनाँक 16/05/2007 एवं 06/09/2008 अनुसार रिक्त एवं स्वीकृत पद के विरुद्ध निरन्तर 10 एवं 20 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर, नियमितीकरण का लाभ जाना था। तीनो कर्मचारियों के नियमितीकरण, पर विचार हेतु समिति का गठन भी किया गया था। विचारोपरांत समिति ने, नियमितीकरण की अनुशंसा की थी। उसके पश्चात भी कर्मचारियों के भृत्य पद पर, नियमितीकरण हेतु कोई विचार नही किया गया।
उसके पश्चात कर्मचारियों द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में, नियमितीकरण की माँग करते हुए रिट याचिका दायर की गई थी। उनके अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर के अनुसार कोर्ट को जानकारी दी गई की, समिति द्वारा दी गई, नियमितीकरण की अनुशंसा को शासन द्वारा विचार में नही लिया गया है अतः हाई कोर्ट ने तीनों कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु, शासन की नीति दिनाँक 16/05/2007 एवं 06/09/2008 एवं उमा देवी के प्रकरण के प्रकाश में तीन माह के भीतर शासन को तीन माह के भीतर निर्णय करने के आदेश जारी किए हैं।