भोपाल। मध्यप्रदेश में संचालित सभी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज और इंस्टीट्यूट जो तकनीकी शिक्षा विभाग के बजट पर संचालित होते हैं, से बिजली कंपनियों के बिजली कनेक्शन कट करने की तैयारी शुरू हो गई है। लगातार महंगी होती बिजली के विकल्प पर काम करते हुए तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने फैसला लिया है कि सभी संस्थाओं का संचालन सौर ऊर्जा से किया जाएगा।
श्रीमती सिंधिया ने बताया कि जल्द ही प्रदेश के तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों का शत-प्रतिशत सोलाराइजेशन किया जायेगा। इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के मध्य करार किया गया है। पहले चरण में प्रदेश के आठ तकनीकी संस्थानों में सोलर पैनल लगाने के साथ ही विद्यार्थियों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
मध्यप्रदेश के कौन से पॉलिटेक्निक कॉलेजों का सोलराइजेशन किया जाएगा
इसके तहत शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज बैतूल, एस.आर. पॉलीटेक्निक सागर, शासकीय पॉलीटेक्निक सिरोंज, इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर, इंजीनियरिंग कॉलेज उज्जैन, शासकीय पॉलीटेक्निक उज्जैन, एस.वी. पॉलीटेक्निक भोपाल तथा शासकीय महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज भोपाल शामिल हैं।
मंगलवार को तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती सिंधिया से एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक और सोलर एनर्जी के मध्यप्रदेश में ब्रॉण्ड एम्बेसडर प्रो. चेतन सोलंकी ने मुलाकात की। प्रो. सोलंकी ने जानकारी देते हुए बताया कि ए.एम.जी. अर्थात अवाईड-मिनिमाईज-जनरेट अप्रोच से हम शैक्षणिक संस्थानों को शत-प्रतिशत सोलाराईज कर सकते हैं। प्रो. सोलंकी ने जानकारी दी कि दुनिया का औसत तापमान करीब एक डिग्री तक बढ़ गया है।
इस कारण मौसम में बदलाव होने लगा है। अगर 2050 तक नवकरणीय ऊर्जा को सौ प्रतिशत नहीं अपनाया गया तो खतरा कई गुना बढ़ जाएगा। खतरे की इस आशंका और लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से एनर्जी स्वराज यात्रा की शुरूआत की।