जबलपुर। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा लागू की गई किसान फसल ऋण माफी योजना के विवाद पर हाई कोर्ट में डिसीजन दे दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आर्डर में नोडल ऑफिसर को पाबंद किया है कि जजमेंट के 30 दिन के भीतर किसान की आवेदन का निराकरण कर कोर्ट को सूचित करें।
कमलनाथ की फसल ऋण माफी योजना विवाद क्या है
मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कमलनाथ सरकार द्वारा संचालित की गई किसान फसल ऋण माफी योजना को बंद कर दिया गया। इसके साथ ही जिन किसानों ने कमलनाथ सरकार की समय आवेदन किया था परंतु उनका फसल ऋण माफ नहीं हो पाया था, ऐसे आवेदनों को भी निराकृत नहीं किया गया। रीवा जिले के लक्षमणपुर निवासी रमेश शुक्ला का नाम इसी प्रकार के किसानों में आता है। उनके पिता समयलाल शुक्ला ने ऋण माफी के लिए आवेदन दिया था। इस बीच उनके पिता की मृत्यु हो गई। इधर सत्ता परिवर्तन हो गया और फसल ऋण माफ नहीं किया गया। इसके बाद बैंक ने ऋण वसूली के लिए नोटिस भेज दिया।
किसान के पास वकील की फीस के लिए पैसे नहीं थे, हाईकोर्ट ने विधिक सहायता उपलब्ध कराई
हाई कोर्ट विधिक सहायता केंद्र द्वारा इस मामले को अधिवक्ता सत्येंद्र जैन को सौंपा गया। याचिकाकर्ता की ओर से श्री जैन ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता के पिता फसल ऋण माफी योजना का लाभ लेने के लिए पूरी पात्रता रखते है। उन्होंने ऋण माफी के नोडल ऑफिसर के समक्ष विधिवत आवेदन भी दिया था, लेकिन उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया गया। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने नोडल ऑफिसर को फसल ऋण माफी योजना के आवेदन का 30 दिन में निराकरण करने का निर्देश दिया है।