भोपाल। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का अभियान चला रहे हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सरकारी विभाग प्राइवेट एजेंसियों पर निर्भर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निष्पक्ष भर्ती परीक्षाएं आयोजित करने के लिए गठित किया गया प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, मध्य प्रदेश सिर्फ परीक्षा का शेड्यूल जारी करने वाला बाबू बनकर रह गया है। परीक्षा का आयोजन प्राइवेट एजेंसी करती है। एजेंसी ने परीक्षा आयोजित करने में असमर्थता जाहिर कर दी इसलिए 1800000 उम्मीदवारों को परेशान करते हुए तारीख बढ़ा दी गई है।
जिस एजेंसी के पास सॉफ्टवेयर ही नहीं था उसे परीक्षा का ठेका दे दिया
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार और प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने मुंबई की एक ऐसी एजेंसी को भर्ती परीक्षा आयोजित करने का ठेका दे दिया जिसके पास आधार कार्ड वेरिफिकेशन करने वाला सॉफ्टवेयर ही नहीं है। परीक्षा के नियम निर्धारित करते समय भी एजेंसी से कोऑर्डिनेटर नहीं किया गया। नतीजा जब परीक्षा की तारीख नजदीक आए तब पता चला एजेंसी विकलांग है और परीक्षा आयोजित करने में सक्षम नहीं है। प्राइवेट एजेंसी पर निर्भर एमपी पीईबी हमेशा की तरह एजेंसी को नोटिस जारी किया और परीक्षाएं स्थगित कर दी।
भर्ती परीक्षा के मामले में मध्य प्रदेश सरकार, ना तो आत्मनिर्भर है न जिम्मेदार
मध्य प्रदेश के गृह विभाग के लिए पुलिस आरक्षक के 4000 पदों की पूर्ति हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की ओर से भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जा रहा था। परीक्षा की तारीख 6 मार्च 2021 घोषित की गई थी। दिनांक 21 फरवरी 2021 को अचानक परीक्षाएं स्थगित कर दी गई। लाखों उम्मीदवारों को परेशान करने वाला डिसीजन बड़े ही आराम से ले लिया गया। ना तो एजेंसी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई की गई और ना ही उस अधिकारी के खिलाफ जिसने एजेंसी के साथ डील की थी। सस्पेंड तो उन सभी को भी किया जाना चाहिए जिन्होंने एजेंसी के लिए टेंडर की नियम व शर्तें निर्धारित की थी।