जबलपुर। M.P. Public Service Commission (MPPSC) Indore द्वारा मप्र पीएससी नियम 2015 में दिनांक 17 फरवरी 2020 को नियम-तीन उपनियम (ए)(डी) में किए गए संशोधन को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है।
जबलपुर निवासी प्रमोद सिंह सिरसम की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि मप्र पीएससी नियम 2015 में 17 फरवरी, 2020 को संशोधन कर दिया गया है। नियम-तीन उपनियम (ए)(डी) में संशोधन के जरिए कहा गया है कि यदि प्रांरभिक और मुख्य परीक्षा में आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग के कट ऑफ मॉर्क्स लाता है। इसके बाद भी उसे आरक्षित वर्ग में ही रखा जाएगा।
अभ्यर्थियों का समायोजन नियुक्ति के समय किया जाएगा। अधिवक्ता यश सोनी ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने सौरभ यादव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार मामले में साफ किया है कि यदि आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग के कट ऑफ मॉर्क्स लाता है तो उसे अनारक्षित वर्ग में शामिल किया जाएगा। प्रांरभिक सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और पीएससी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।