भोपाल। सहायक प्राध्यापक परीक्षा -2017 में 22 आरक्षित वर्ग के पूर्व चयनित दिव्यांग अभ्यर्थियों जिनका पूर्व चयन सूची में चयन हुआ था तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा समस्त दस्तावेजों का पूर्व मे भोपाल में वेरीफिकेशन भी कराया गया था परन्तु उन्हें संशोधित सूची मे बाहर कर दिया गया था।
जिसके बाद आरक्षित वर्ग के पूर्व चयनित दिव्यांग अभ्यर्थियों ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिसका आदेश उनके पक्ष में आया था ,उक्त जबलपुर हाईकोर्ट WP/19393 दिनांक 29-4-2020 का आदेश के अनुसार सरकार को एक माह मे दिव्यांगो को नियुक्ति कुल केैडर इस्टैन्थ का 6% आरक्षण दिव्यांग अभ्यर्थियों को देते हुए नियुक्ति देने का आदेश दिया था जिसके कारण 22 आरक्षित वर्ग के पूर्व चयनित दिव्यांग अभ्यर्थियों के साथ साथ आरक्षित वर्ग के कई दिव्यांग अभ्यर्थियों का भी चयन होगा और रोजगार मिलेगा।किन्तु जबलपुर हाईकोर्ट का WP/19393 दिनांक 29-4-2020 के आदेश के 9 माह बाद भी उच्च शिक्षा विभाग ने न तो नियुक्ति दी है और न ही पदों का व्यौरा उच्च शिक्षा विभाग ने विभागीय पोर्टल पर अपलोड किया है।
लोक सेवा आयोग ने पूर्व जबलपुर हाईकोर्ट में MCC/938 लगाई थी जिसमें उन्हें पूर्व में नियुक्ति के लिए 31-12-2020 तक का समय दिया था(29-4-2020 के आदेश के बाद 8 माह का समय) परन्तु नियुक्ति तो दूर लोक सेवा आयोग ने चयन सूची तक जारी नहीं की। इसके बाद भी लोक सेवा आयोग ने पुनः जबलपुर हाईकोर्ट में MCC/1349 लगाई जिसमें नियुक्ति के लिए 28-2-2021 तक का समय दिया है।अब देखना है कि लोक सेवा आयोग को दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता है कि नहीं जबकि इस वैश्विक विपत्ति के समय दिव्यांगजन अभ्यर्थी बेरोजगार है और उन्हें रोजगार की अत्यंत आवश्यकता है।आज भी दिव्यांगजन मानसिक ,सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हैं।
अजाक्स ने 22 आरक्षित वर्ग के पूर्व चयनित दिव्यांग अभ्यर्थियों व अन्य दिव्यांग अभ्यर्थियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी करने के लिए सचिव, लोक सेवा आयोग, इंदौर को पत्र लिखा है ताकि दिव्यांगजनों को न्याय मिल सके।