नई दिल्ली। RTI Amendment Act 2019 (सूचना का अधिकार (संशोधन) अधिनियम) के खिलाफ दाखिल की गई याचिका के अंतिम निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट में प्रक्रिया शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को 2 हफ्ते का वक्त दिया है। याचिका कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश की ओर से लगाई गई थी।
RTI ACT: केंद्र सरकार ने 1 साल से सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का जवाब नहीं दिया
केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता कानू अग्रवाल ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत (Supreme Court) से समय देने की मांग की। पिछले साल जारी नोटिस का हवाला देते हुए पीठ ने सवाल किया कि एक साल से भी ज्यादा समय में जवाबी हलफनामा दाखिल क्यों नहीं किया गया। यह बेहद महत्वपूर्ण मामला है। मामले की संक्षिप्त सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय प्रदान कर दिया और मामले के अंतिम निपटारे के लिए सुनवाई दो हफ्ते बाद के लिए स्थगित कर दी।
जयराम रमेश ने RTI ACT वाली याचिका में क्या आरोप लगाया था
रमेश ने दावा किया था कि सूचना आयुक्तों की स्वतंत्रता के ढांचे में बदलाव करके आरटीआइ एक्ट में किया गया संशोधन मूल कानून के उद्देश्य का उल्लंघन करता है साथ ही संविधान के तहत सूचना के मौलिक अधिकार का हनन करता है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि सूचना के अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम में संशोधनों (2019 RTI Amendment Act) के जरिए सूचना आयोग के अधिकारों में कमी की गई है।