भोपाल। जबलनाथ ट्रैवल्स कि बस मध्य प्रदेश के सीधी जिले में बाणसागर बांध की नहर में समा गई। यह हादसा नहीं होता यदि 32 सीटर बस में 54 यात्रियों को सवार नहीं किया जाता तो फिर बस का बैलेंस भी नहीं बिगड़ता और ड्राइवर लास्ट मिनट पर बस का रूट चेंज नहीं करता।
सतना में रेलवे की परीक्षा देने जा रहे थे बेरोजगार, हादसे का शिकार हो गए
छुहिया घाटी से होकर बस रोजाना सतना के लिए जाती थी। मंगलवार सुबह इस सड़क पर जाम लगा था। जल्दी पहुंचने के लिए ड्राइवर ने तय रूट बदला और नहर के रास्ते पर बस उतार दी। बताया जाता है कि सीधी से सतना के बीच चलने वाली बसें सुबह के समय अकसर खाली ही जाती हैं। मंगलवार को रेलवे और एनटीपीसी का एग्जाम था। रीवा और सतना में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इस कारण बस में भीड़ भी थी। 32 सीटर बस में 54 लाेगों में से ज्यादातर युवा सवार थे। ये लोग परीक्षा देने रीवा और सतना जा रहे थे।
नेशनल हाईवे-39 दुरुस्त होता तो ड्राइवर को रूट चेंज नहीं करना पड़ता
नेशनल हाईवे-39 स्थित छुहिया घाटी में जगह-जगह गड्ढे और पत्थर पड़े होने से हमेशा जाम की स्थिति रहती है। यहां घंटों जाम में वाहन फंसे रहते हैं। यही वजह थी कि ड्राइवर ने बस को जल्दी ले जाने के चक्कर में रूट बदल लिया।
परिवहन विभाग को शर्म तक नहीं आई, एक आरटीओ भी सस्पेंड नहीं किया गया
पूर्व लोकसभा प्रत्याशी शशांक सिंह ने कहा कि बस का परमिट नहीं था। फिर भी बेरोकटोक बस को दौड़ाया जा रहा था। ये लापरवाही सतना RTO की है। सतना RTO को निलंबित कर देना चाहिए। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल ने भी घटनास्थल पहुंचकर मृतकों के परिजन को ढांढस बंधाया। रीवा जोन आईजी उमेश जोगा, डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह, एसपी सीधी पंकज कुमावत, एसपी रीवा राकेश सिंह, सीधी कलेक्टर समेत भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद हैं।