उज्जैन। चिमनगंज मंडी थाना पुलिस ने मोबाइल चोरी करने वाले नव युवकों के एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जिसका लीडर उज्जैन में पदस्थ असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर का बेटा है। पुलिस उसे पहले भी कई बार पकड़ चुकी है परंतु हर बार उसके पिताजी कार्रवाई से पहले ही उसे चुरा कर ले जाते थे। पुलिस अधिकारी का बेटा होने के कारण उसे सहानुभूति का लाभ मिलता था और इसी कारण उसने अपनी गैंग बना ली।
सीसीटीवी कैमरे ने मोबाइल चोरों को रिकॉर्ड कर लिया
मामला चिमनगंज मंडी थाना क्षेत्र का है। कमल कॉलोनी निवासी नरेंद्र कुशवाह का चार-पांच दिन पहले मोबाइल चोरी हो गया था। नरेंद्र घर के पास ही दुकान पर सामान खरीद कर घर लौटे, तो देखा कि जेब में मोबाइल नहीं है। नरेंद्र तुरंत दुकान पर पहुंचे। वहां जब खोजने के बाद भी मोबाइल नहीं मिला, तो दुकान पर लगे सीसीटीवी के फुटेज देखे। इसमें दो युवक संदिग्ध अवस्था में उनके पास ही खड़े दिखे।इसके बाद दोनों बिना सामान लिए ही चले गए।
महंगे मोबाइल सस्ते में बेचने निकले थे, तभी पकड़े गए
एसआई रवींद्र कटारे ने बताया, रविवार को सूचना मिली थी कि कुछ लड़के मंहगे मोबाइल सस्ते में बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहे हैं। सभी आरोपी नशे के आदी हैं। पुलिस ने घेराबंदी की, तो एक लड़का पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि उसका नाम नितेश पिता बहादुर सिंह निवासी चिमनगंज मंडी है। बहादुर सिंह देवासगेट थाने में एएसआई हैं।
उज्जैन पुलिस ने चोरी गए 11 मोबाइल जप्त किए
नितेश से पूछताछ करने पर पता चला कि उसके साथ दो लड़के भी हैं। उसकी निशानदेही से अंकपात निवासी सचिन पिता शंकरलाल को पुलिस ने पकड़ा। दोनों ने अपने नाबालिग साथी का पता बताया। पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया। तीनों के पास से 11 मोबाइल जब्त हुए हैं। पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों ने नानाखेड़ा, जीवाजीगंज, नागझिरी और नीलगंगा थाना क्षेत्र में भी चोरी करना कबूला है। तीनों नशे के आदी हैं और नशा करने के लिए चोरी करने लग गए।
पहले भी कई मामलों में पकड़ा गया
चिमनगंज मंडी पुलिस ने बताया, नितेश पहले भी कई बार पकड़ा जा चुका है। हर बार उसके पिता थाने आकर उसे छुड़ा ले जाते थे। पुलिस वाले का बेटा होने के कारण चिमनगंज मंडी पुलिस भी उसे समझाइश देकर छोड़ देती।