जबलपुर। उत्तराखंड के रुड़की से फरार ढाई हजार के इनामी बदमाश को 27 साल बाद वहां की पुलिस ने जबलपुर से गिरफ्तार किया। आरोपी का परिवार जबलपुर में आकर बस गया था। आरोपी 1993 में सेना भर्ती में फर्जी मार्कशीट लेकर वह भर्ती होने पहुंचा था। उसने अंकसूची में जन्म तारीख बदल दी थी। सेना की जांच में खुलासे के बाद रुड़की की सिविल लाइंस थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
जानकारी के अनुसार सिसौली जनपद टिहरी निवासी गुलाब सिंह वर्ष 1993 में रुड़की में आयोजित सेना भर्ती में शामिल हुआ था। वहां बीईजी ग्रुप में भर्ती के लिए पहुंचा था। इस भर्ती के लिए उसने हाईस्कूल की अंकसूची जमा की थी। सेना की तरफ से जांच कराई गई तो जन्मतिथि बदली हुई मिली। इस मामले में सेना अधिकारियों की ओर से रुड़की के सिविल लाइंस थाने में धारा 468 भादवि का प्रकरण दर्ज कराया गया था। तब से वहां की पुलिस गुलाब सिंह की तलाश में जुटी थी।
उधर, गुलाब सिंह पुलिस से बचने के लिए घर छोड़कर अपने ठिकाने बदलता रहा। उसकी गिरफ्तारी पर ढाई हजार का इनाम घोषित हुआ था। गुलाब पहले नागपुर महाराष्ट्र चला गया। वहां से अलग-अलग शहरों में छिपता रहा. आखिर में वह जबलपुर आ गया। यहां कई होटलों में काम किया। फिर यहीं की एक युवती से शादी कर रांझी स्थित नयागांव में रहने लगा। यहां उसने अपने सारे दस्तावेज बनवा लिए थे। 2005 में रुड़की न्यायालय ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।
रांझी टीआई आरके मालवीय के मुताबिक रुड़की पुलिस को आरोपी गुलाब सिंह के बारे में पता चला कि वह जबलपुर में छिपा है। वहां के सिविल लाइंस थाना प्रभारी राजेश शाह के साथ टीम जबलपुर पहुंची। यहां की रांझी पुलिस के सहयोग से आरोपी को उसके मानेगांव स्थित घर से गिरफ्तार कर ले गई।