1 अप्रैल से कर्मचारियों की जिंदगी में काफी कुछ बदल जाएगा, कोड ऑन वेजेज एक्ट लागू होगा - EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
नई दिल्ली।
भारत की केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए एक नई पॉलिसी लेकर आई है। कर्मचारियों को हर रोज 8 घंटे के बजाय 12 घंटे काम करना पड़ेगा, लेकिन यदि नियोक्ता 8 घंटे के अलावा से 4 घंटे काम करवाता है तो उसे ओवरटाइम भी देना पड़ेगा। कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए उनकी सैलरी में से प्रोविडेंट फंड का हिस्सा थोड़ा ज्यादा काटा जाएगा। इसका असर यह होगा कि कर्मचारी की टेक होम सैलेरी कम हो जाएगी।

पिछले साल संसद में पास किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल) की वजह से ये बदलाव हो सकते हैं। इन विधेयकों के इस साल 1 अप्रैल से लागू होने की संभावना है। आइए देखते हैं कोड ऑन वेजेज बिल के कारण क्या क्या बदलाव हो सकते हैं:- 

1. सरकार के प्लान के मुताबिक, 1 अप्रैल से मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) कुल सैलरी का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए। सरकार का दावा है कि इस बदलाव से नियोक्ता और श्रमिक दोनों को फायदा होगा।
2. पीएफ में एक ओर जहां इजाफा होगा वहीं, आपकी इन हैंड सैलरी कम हो जाएगी। बता दें मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। इस बदलाव के बाद ज्यादातर लोगों का सैलरी स्ट्रक्चर चेंज हो सकता है। मूल वेतन बढ़ने से आपके पीएफ में भी इजाफा होगा क्योंकि ये आपकी बेसिक सैलरी पर आधारित होता है। 

3. अधिकतम काम करने के घंटों को बढ़ाकर 12 करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। 15 से 30 मिनट तक एक्सट्रा काम करने को भी ओवरटाइम में शामिल किया जाने का प्रावधान है। मौजूदा समय में अगर आप 30 मिनट से कम समय के लिए एक्सट्रा काम करते हैं तो उसको ओवरटाइम में नहीं गिना जाता है। 

4. 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम करने पर प्रतिबंध किया जाएगा। सरकार का मानना है कि कर्मचारियों को 5 घंटे काम करने के बाद आधे घंटे का ब्रेक दिया जाना चाहिए। 

5. पीएफ की राशि बढ़ जाने से रिटायरमेंट की राशि में भी इजाफा होगा. रिटायरमेंट के बाद लोगों को इस राशि से काफी मदद मिलेगी। पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी वृद्धि होगी क्योंकि उन्हें भी कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा।

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