इस तरह की जानकारियां हमेशा उन लोगों के लिए होती है जो भीड़ से अलग होते हैं। सारी दुनिया के लिए पलाश का पेड़ जंगल में खड़े हुए हजारों पेड़ों में से एक है परंतु जो अपने ब्रेन का यूज़ करते हुए नॉलेज कलेक्ट करते हैं उनके हिसाब से नर्सरी में मात्र ₹10 में मिलने वाला पलाश का पौधा इंसानों का कम से कम 10000000 रुपए का खर्चा बचाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि पलाश का पौधा आपके पर्यावरण में नाइट्रोजन को बैलेंस करता है। यदि पलाश के पेड़ खत्म हो जाएंगे तो जैसे चीन के चौराहों पर ऑक्सीजन के सिलेंडर खोले जाते हैं, अपने यहां नाइट्रोजन के सिलेंडर खोलने पड़ेंगे।
पलाश खत्म हो गए तो सरकारी टैक्स बढ़ जाएंगे
यकीन मानिए, यदि पलाश खत्म हो गए तो सरकारी टैक्स बढ़ जाएंगे। क्योंकि सरकार पलाश के पेड़ों का वृक्षारोपण नहीं करेगी बल्कि किसी नेता का बेटा या रिश्तेदार नाइट्रोजन गैस बनाने की फैक्ट्री शुरू करेगा और सरकार उसकी फैक्ट्री से गैस खरीद कर व्यापक जनहित में नियमित रूप से सुबह-शाम छोड़ा करेगी। पूरे देश में भव्य कार्यक्रम किए जाएंगे और जनता को बताया जाएगा कि सरकार उनके लिए क्या कुछ नहीं कर रही है। नाइट्रोजन की फैक्ट्री को पेमेंट देने के लिए सरकार जनता पर थोड़ा सा टैक्स बढ़ा देगी।
सामान्य मनुष्य के जीवन में पलाश क्या काम आता है
• पूजन में प्रयुक्त चम्मच (Spoon, Ladle) पलाश के पेड़ से ही बनती है जो कि यज्ञ, अनुष्ठान आदि में घी डालने के काम में आती है।
• जब हम सब्जी बनाने में खड़ा गरम मसाला प्रयोग में लाते हैं तो उसमें जो सूखे हुए फूल होते हैं वे पलाश के ही ही फूल होते हैं।
• गांव में आज भी जब पंगत होती है तो दोने-पत्तल इसी पेड़ के पत्तों से बनाए जाते हैं जो कि इको फ्रेंडली भी होते हैं।
• पहले के जमाने में इसके फूलों को सुखाकर, पीसकर होली खेलने के लिए रंग तैयार किया जाता था। जोकि स्किन को नुकसान पहुंचाने के बजाय nurrish करता था।
• कपड़ों को रंगने के लिए केसरी, नारंगी ,पीला रंग बनाने के काम में।
• इस पेड़ की लकड़ी (Timbar) furniture बनाने के काम भी आती है।
मेडिकल साइंस में पलाश का महत्व, कितनी दवाइयां बनती है
इसके फूलों का रस किसी टॉनिक से कम नहीं।
इसके बीज एंटीपैरासाइटिक होते हैं।
इसकी पत्तियां antiovulatory ,diuretic होती हैं।
इसकी छाल antimicrobial, antioxidant की तरह काम करती है।
इसकी जड़ों का उपयोग Night Blindness के इलाज में किया जाता है।
इसके अतिरिक्त पेट के कीड़ों को मारने वाली दवा बनाने में, डायरिया में ,खून साफ करने में, डायबिटीज में ,हर जगह पलाश के पेड़ का उपयोग होता है।
पलाश के कारण नवजात शिशु की माताओं की कमर खराब नहीं होती
पलाश के पेड़ की छाल (Bark, तने के ऊपर पाई जाने वाली परत) से जो Resin (चिपचिपा पदार्थ) मिलता है, उसे कमरकस गोंद कहा जाता है। जो कि विशेष रूप से बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को खिलाई जाती जो कि उनकी कमर और पेट की मांसपेशियों को कसने में मदद करती है।
पलाश का पेड़ नाइट्रोजन गैस को बैलेंस करता है
चूँकि यह भी फैबेसी या Leguminaceae कुल का पौधा है। इस कारण इसकी जड़ों में भी वायुमंडल की नाइट्रोजन को स्थिर करने वाले बैक्टीरिया या जीवाणु पाए जाते हैं। इस कारण पर्यावरण में नाइट्रोजन चक्र निरंतर चलता रहता है। इसके फूलों ने परागण (pollination) की क्रिया मुख्य रूप से पक्षियों द्वारा होती है, इस कारण इसे parrot tree भी कहा जाता है।
पलाश के पौधे के बारे में सामान्य ज्ञान
पलाश का वैज्ञानिक नाम (scientific name)
इसे जंगल की आग (Flame of the forest) भी कहा जाता है।
ब्यूटीया मोनोस्पर्मा (Butea Monosperma) है 🤪 मतलब नाम में भी ब्यूटी छुपी है 😀
पलाश एक आवृत्तबीजी पेड़ (Angiospermic tree) है।
पलाश फैमिली fabaceae या Leguminaceae का सदस्य है।