आज के लेख की धारा पिछले लेख की धारा 343 के समानरूपी है, अगर किसी व्यक्ति को तीन या तीन से अधिक दिन अर्थात 9 दिन तक रोककर रखा जाता है तब यह अपराध उपर्युक्त धारा 343 के अंतर्गत दण्डनीय होगा। अगर किसी व्यक्ति को दस या दस से अधिक दिनो तक रोककर रखा जाए तो वह अपराध एक नई धारा के अंतर्गत दण्डनीय होता है जानिए।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 344 की परिभाषा:-
अगर किसी व्यक्ति को उसकी मर्जी के बगैर दस या दस दिनों से अधिक दिन तक रोककर रखा जाए जैसे, धमकी देकर रोका गया हो, रास्ते में दीवार खड़ी करके रोका गया हो, कमरे में ताला लगाकर रोका गया हो, या उसके आने जाने के रास्ते में खतरनाक जानवर बांध कर रोका गया है किसी भी प्रकार से तब ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 344 के अंतर्गत दोषी होगा।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 344 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है, यह संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार किसी भी मजिस्ट्रेट को होता है। सजा- इस अपराध के लिए तीन वर्ष की कारावास ओर जुर्माना से दाण्डित किया जा सकता है।
नोट:- धारा 343 के दण्ड (सजा) की अपेक्षा धारा 344 में ज्यादा सजा का प्रावधान है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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