बड़ी कंपनी एवं कारखाने के मालिकों को सारे नियम पता होते हैं परंतु जब कोई निर्धन व्यक्ति या स्टूडेंट अपना स्टार्टअप शुरू करता है तब उसे नियमों की बिल्कुल जानकारी नहीं होती। ऐसी स्थिति में कई बार कुछ लोग उसे मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958 का डर दिखाकर ठगी का शिकार बना लेते हैं। हम आपको बताते हैं कि किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान शुरू करने के बाद उसका रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कितना समय मिलता है। यह जानकारी उपयोगी है ताकि सनद रहे और वक्त जरूरत काम आवे।
मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम,1958 की धारा 6(1)(2) की परिभाषा:-
प्रत्येक स्थापना करने वाले नियोजक का यह कर्तव्य है कि वह 30 दिन के भीतर अपनी दुकान, वाणिज्यिक, होटल, भोजनालय आदि के पंजीयन के लिए संबंधित निरीक्षक के पास, निर्धारित फीस तथा निर्धारित प्रारूप जिसमें नियोजक का नाम, स्थापना का नाम एवं पता,कारोबार प्रारंभ करने की दिनांक, स्थापना की श्रेणी भेजेगा।
ये सब प्राप्त होने के बाद निरीक्षक द्वारा नियम के अनुसार पंजीयन कर नियोजक को पंजीयन प्रमाण पत्र(Registration Certificate) जारी करेगा। इसे स्थापना में प्रमुख रूप से नियोजक द्वारा प्रदर्शित किया जाना होगा।
नोट:- अगर कोई नियोजक स्थापना के 30 दिन के भीतर अपनी स्थापना वर्ग का पंजीयन नहीं करवाता है तो उसकी स्थापना को संबंधित विभाग द्वारा बंद कर दी जाएगी। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख
कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी