भोपाल। मध्यप्रदेश में किसान महापंचायत की घोषणा करते ही कांग्रेस पार्टी में दिग्विजय सिंह की पूछ परख बढ़ गई है। उन्हें तमिलनाडु और पुडुचेरी राज्यों में आने वाले चुनाव के लिए चयन समिति का चेयरमैन बनाया गया है।
2018 से दिग्विजय सिंह लाइन अटैच चल रहे थे
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 के पहले से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी में लाइन अटैच चल रहे थे। कांग्रेस हाईकमान दिग्विजय सिंह को पार्टी के लिए हानिकारक और तनाव देने वाला नेता मानने लगे थे। गोवा विधानसभा चुनाव से लेकर दक्षिण भारत के विवाद तक दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार माना गया था। शायद यही कारण था कि दिग्विजय सिंह को गैर राजनीतिक नर्मदा परिक्रमा पर निकलना पड़ा था।
किसान महापंचायत, दिग्विजय सिंह का मास्टर स्ट्रोक
मध्यप्रदेश में गैर राजनीतिक किसान महापंचायत की घोषणा करके दिग्विजय सिंह ने अपनी राजनीति की आखिरी पड़ाव में मास्टर स्ट्रोक खेला है। अब से पहले तक दिग्विजय सिंह की पहचान कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता के रूप में होती रही है। मध्य प्रदेश में हालात यह रहे कि नर्मदा परिक्रमा के बावजूद विधानसभा चुनाव 2018 में दिग्विजय सिंह को चुनाव प्रचार अभियान पर नहीं भेजा गया परंतु यदि किसान महापंचायत का कांसेप्ट सफल हो जाता है तो दिग्विजय सिंह का एक नया चेहरा दिखाई देगा।