भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में पेश होने वाले प्रदेश के बजट में प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को कोराना संकट के समय रुके गए,महंगाई भत्ते और इंक्रीमेंट बहाल किए जाने का प्रावधान न किए जाने से कर्मचारी जगत में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश दुबे प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कर्मचारी जगत को कम से कम रोकी गई वेतन वृद्धि और डीए बहाली की इस बजट से उम्मीद थी, लेकिन बजट रिपोर्ट देखकर काफी निराशा हाथ लगी है।
मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को वेतन के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा: समग्र शिक्षक संघ
उन्होंने कहा मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि महामारी से लड़ने वाली योद्धाओं को तोहफा वार्षिक वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ता रोक कर दिया गया हो और राजनेताओं का इनकम टैक्स तक सरकारी खजाने से भरा गया हो। यदि यही हालात रहे तो आने वाले दिनों में वेतन कर्मचारियों को वेतन के लिए ही संघर्ष करना पड़ेगा। इसलिए अभी भी समय है सभी कर्मचारी संगठनों को इस मुद्दे पर एक होकर आवाज उठाना चाहिए।
कोरोना के बहाने छीने गए अभिव्यक्ति और आंदोलन के अधिकार
श्री दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना के नाम पर जिस प्रकार से सरकार ने आंदोलन धरना प्रदर्शन पर रोक लगाई है, इससे साफ जाहिर होता है, सरकार कर्मचारियों के मुद्दे पर निरंकुश हो चली है।
ज्ञात हो कि प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारियों को बजट को अभी 12% डीए-डीआर मिल रहा है, कर्मचारियों को जुलाई 2020 का इंक्रीमेंट जुलाई 2021 के साथ देने की घोषणा भी बजट में होने की उम्मीद थी, जिस का प्रावधान बजट में ना किए जाने से कर्मचारी जगत में नाराजगी खुलकर सामने आ रही है।