Secretly taking photo or video of a girl (woman) without permission, Is it a crime or not
आजकल हर हाथ में मोबाइल है और हर मोबाइल में कैमरा। कोई कहीं भी, किसी का भी फोटो खींच लेता है लेकिन क्या आप जानते हैं किसी लड़की अथवा महिला का उसकी अनुमति के बिना फोटो खींचना गंभीर अपराध है। यह और अधिक गंभीर हो जाता है जब आप उस फोटो को इंटरनेट के माध्यम से सार्वजनिक कर देते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि इस तरह बिना अनुमति के फोटो खींचने वाले बदमाशों को भारतीय दंड संहिता की किस धारा के तहत मामला दर्ज करवा कर जेल भेजा जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 354 ग की परिभाषा:-
अगर कोई पुरुष किसी महिला की निम्न स्थिति में तश्वीर लेगा-
1. स्नान करते समय फ़ोटो लेना या वीडियो बनाना।
2. किसी भी प्रकार के होटल, शौचालय आदि में छुपे हुए कैमरे (हिडन कैमरा) लगाकर महिला की प्राइवेट फ़ोटो लेना वीडियो बनाना, उस फ़ोटो, वीडियो को शेयर करने की धमकी देना, शेयर करना आदि।
3. पति, दोस्त, नातेदार आदि द्वारा फोटो खींचकर या वीडियो बनाकर बिना उसकी मर्जी के किसी भी प्रकार से शेयर करना।
4. बिना महिला की इज्ज़त के उसकी फोटो या किसी भी प्रकार की वीडियो बनाना।
उपर्युक्त कृत्य धारा 354 ग के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है।
(शादी पार्टी, मीडिया कवरेज, सार्वजनिक कार्यक्रम आदि के अवसर पर यदि किसी फोटो/ वीडियो में महिला की तस्वीर भी नजर आ जाती है तो इसे अपराध नहीं माना जाएगा।)
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 354 ग के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है। इस अपराध के दण्ड को दो भागों में बांटा गया है:-
1. प्रथम बार अगर कोई व्यक्ति इस अपराध को करता है तो यह संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होगा। इसकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास होगी। सजा- इस अपराध के लिए कम से कम एक वर्ष एवं अधिकतम 3 वर्ष का कारावास तथा जुर्माना हो सकता है।
2. अगर यही अपराध, अपराधी दूसरी बार भी करता है, यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होगा, इनकी सुनवाई का अधिकार किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट को होता है। सजा- इस अपराध के लिए कम से कम तीन वर्ष एवं अधिकतम सात वर्ष तक कारावास एवं जुर्माना हो सकता है।
लड़की की मर्जी के बिना खींचा गया फोटो इंटरनेट पर सार्वजनिक करना किस धारा के तहत अपराध है
इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के अपराध की रोकथाम के लिए आईटी एक्ट बनाया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 (Information Technology Act 2000) इंटरनेट पर होने वाले सभी प्रकार के अपराधों की रोकथाम के लिए काम करता है। किसी लड़की अथवा महिला का उसकी अनुमति के बिना फोटो खींचकर किसी भी प्रकार के मैसेजिंग एप, सोशल मीडिया, इंटरनेट के माध्यम से संचालित होने वाली पब्लिक अथवा प्राइवेट वेबसाइट या किसी भी पब्लिक अथवा प्राइवेट ग्रुप में अपलोड अथवा शेयर किया जाता है, तब ऐसे व्यक्ति के खिलाफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 66(E) के तहत मामला दर्ज किया जाता है। FIR में आईपीसी की धारा 354c के साथ आईटी एक्ट की धारा 66e तहत मामला दर्ज किया जाता है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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